नमस्कार दोस्तों कल लोकसभा चुनाव का दूसरा दौर भी समाप्त हो चुका है, दोस्तों पहले दौर की तरह ही दूसरे दौर की पोलिंग भी राजनीतिक दलों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। लोकसभा चुनाव के दूसरे दौर के तहत 13 राज्यों की 88 सीटों पर मतदान हुआ।
कल जिन सीटों पर मतदान हुआ उनमें केरल की सभी 20 सीट,कर्नाटक की 14,राजस्थान की 13, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की 8-8 सीटों पर, मध्य प्रदेश की 6 सीट पर,असम और बिहार की पांच पांच सीट,छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल की तीन-तीन और जम्मू कश्मीर और त्रिपुरा की एक-एक सीट पर शामिल मतदान हुआ। कल 61 पॉइंट 4% मतदान हुआ त्रिपुरा में सबसे ज्यादा 78% मतदान दर्ज किया गया,इसके बाद मणिपुर में 77.2 पर्सेंट वोट डाले गए,छत्तीसगढ़ में 72.5 फिसदी मतदान हुआ वही वेस्ट बंगाल और असम में 70 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया ।
दूसरे चरण में चुनाव लड़ने वालों में केरल के वायनाड से राहुल गांधी,तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के शशि थरूर,और उनके सामने केंद्रीय मंत्री और भाजपा के उम्मीदवार राजीव चंद्रशेखर, मथुरा से हेमा मालिनी,राजनांदगांव से भूपेश बघेल, बेंगलुरु ग्रामीण से डीके सुरेश,और बेंगलुरु दक्षिण से तेजस्वी सूर्या अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
राजस्थान के कोटा सीट से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, और मेरठ की भाजपा मेरठ से भाजपा के उम्मीदवार अरुण गोविल भी मैदान मे है।
दोस्तों अब बात करते राजस्थान मे सर्वाधिक बाड़मेर में 70% से ज्यादा मतदान हुआ,बांसवाड़ा में 68.71%,अजमेर 52.38%, भीलवाड़ा 54.67, प्रतिशत चित्तौड़गढ़ 61. 81%,जालौर 57.75 प्रतिशत,झालावाड़ 65. 23%,जोधपुर 58. 35%, कोटा 65. 38%, पाली 51.75%, राजसमंद 52.17%, टोंक सवाई माधोपुर 51. 92% और उदयपुर में 59.54% वोटिंग हुई।
दूसरे चरण की 13 सीटों पर 64.56% मतदान हुआ जो पहले चरण की तुलना में 6 पॉइंट 59% ज्यादा है 13 लोकसभा सीटों पर आने वाली 104 विधानसभा सीटों में से भाजपा के कब्जे वाली 35 सीटों पर मतदान पिछले लोकसभा चुनाव से 5% से ज्यादा घटा है इनमें से करीब चार सीटों पर वोटिंग 10% से ज्यादा घटी है वहीं कांग्रेस के कब्जे वाली 8 सीटो पर 5% से ज्यादा मतदान घटा हे |
पहले चरण में कम वोटिंग के बाद राजनीतिक दलों और चुनाव आयोग ने वोटिंग बढ़ाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया, उसमें कामयाबी कम ही मिल पाई | वेसे दूसरे चरण की तुलनात्मक रूप से अच्छी वोटिंग ने खास तौर पर भाजपा को काफी राहत दी है।
वहीं, कांग्रेस खेमे में कुछ तनाव है। माना जा रहा है कि भाजपा का प्रदर्शन पहले चरण के मुकाबले दूसरे चरण वाली सीटों पर ज्यादा बेहतर हो सकता है। पहले चरण की कम वोटिंग से आलाकमान ने प्रदेश संगठन को दूसरे चरण की वोटिंग बढ़ाने को कहा था। हालांकि इस वोटिंग के संकेतों को दोनों ही पार्टियां समीक्षा करने में जुट गई हैं|
देखा जाय तो इन 13 सीटों की बात करें तो पिछले चुनाव के मुकाबले जिन सीटों पर वोटिंग ट्रेंड बढ़ा है, उन पर स्थानीय समीकरण का आधार देखने को मिला है। जैसे कांटे का मुकाबला, जातिगत समीकरण या त्रिकोणीय मुकाबला आदि। लेकिन इस बार चुनावी मुद्दे, लहर या नाराजगी जैसे कारण नजर नहीं आए, जो वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने में सहायक माने जाते हैं।
राजनैतिक पंडितो क अनुसार परिणाम देखा जाय तो कुछ इस प्रकार रहेगा :-
कल राजस्थान की बची हुई 13 सीटों पर मतदान था, पहले फेस में कांग्रेस आगे रही थी और इस बार भी कांग्रेस बराबर की टक्कर देते हुए दिखाई दे रही है।
राजसमंद: BJP
अजमेर: BJP
जोधपुर: कांग्रेस
टोंक: कांग्रेस
भीलवाड़ा: कांग्रेस
चित्तौड़गढ़: BJP
उदयपुर: BJP
जालोर: कांग्रेस
बाड़मेर: कांग्रेस
पाली: BJP
झालावाड़: BJP
कोटा: कांग्रेस
बांसवाड़ा: INDIA गठबंधन
सीटों का गणित कुछ इसी प्रकार रहने वाला है। अब देखना रौचक होगा कि क्या राजस्थान में INDIA गठबंधन 15 सीटें जीत पाता है या नहीं?
वही बूंदी निवासी श्री मनोज जोशी का कहना हे की राजस्थान में १५ से १८ के बीच कांग्रेस की सीटे आ सकती हे इनके अनुसार उम्मेदा राम बेनीवाल बाढ़मेर जेसलमेर ,प्रहलाद गुंजल कोटा ,हरीश मीणा ,मुरारी लाल मीणा दौसा ,अनिल चोपड़ा जयपुर ग्रामीण ,संजना जाटव भरतपुर ,राहुल कस्वा चुरू ,हनुमान बेनीवाल नागौर ,ब्रिजेन्द्र ओला झुंझनु ,उदय लाल अंजना चित्तोड़ गढ़ ,कामरेड अमरा राम सीकर आदि सीटे कांग्रेस की झोली में जा सकती हे ,इनके अलावा जोधपुर और अलवर भी काफी हद तक कांग्रेस क ही पक्ष में हे |
वही दोस्तों एक्टिविस्ट योगेन्द्र यादव ने उत्तर प्रदेश के बारे में अपना ट्वीट किया हे |
उत्तर प्रदेश में राजनैतिक भूचाल आ सकता है। मेरठ से बनारस तक 15 संसदीय क्षेत्रों में सैकड़ों ग्रामीण वोटर से बात कर यह साफ है कि सभी जगह सभी जातियों में बीजेपी का वोट खिसक रहा है। 70 तो छोड़िए, बीजेपी के लिये 60 सीट बचाना भी नामुमकिन है, मुझे तो 50 भी नहीं दिख रहीं।
ग्राउण्ड रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
* मोदी के लिए प्रति ग़ुस्सा नहीं, उदासीनता है। उन्हें राशन का श्रेय मिलता है लेकिन इस बार उनके नाम पर वोट नहीं पड़ेगा।
* मोदी की तुलना में योगी ज़्यादा लोकप्रिय हैं, उन्हें गुंडागर्दी ख़त्म करने का श्रेय मिलता है।
* बीजेपी के अधिकांश सांसदों और स्थानीय नेताओं के ख़िलाफ़ बहुत ग़ुस्सा है।
* वोटर के मन में महँगाई और बेरोज़गारी है। गाँव में छुट्टे जानवर सबसे बड़ा मुद्दा है।
* बहुत वोटर परिवर्तन चाहते हैं। चूँकि अगर तीसरी पंचवर्षीय में आ गए तब तो तानाशाही शुरू हो जाएगी
* कुल मिलाकर बीजेपी के वोटर में एक चौथाई कहते हैं कि इस बार उसे वोट नहीं देंगे। सपा और कांग्रेस का वोट क़ायम है। बीएसपी में मामूली गिरावट है लेकिन वो बीजेपी को नहीं जा रहा।
* अगर 2019 में बीजेपी के वोट का दसवां हिस्सा भी खिसक कर सपा कांग्रेस को मिल गया तो उसे 20 सीट का नुक़सान हो सकता है। अगर इससे ज़्यादा टूट गया तो परिणाम पूरी तरह से उलट जाएगा।
* चेतावनी: अभी सिर्फ़ 16 सीट में वोट पड़े हैं और स्थिति बदल सकती है, लेकिन फ़िलहाल तो हर दिन स्थिति बीजेपी के लिए विकट होती दिखाई दे रही है।
नोट: यह कोई एक्ज़िट पोल या जादुई सर्वे नहीं है। आप ख़ुद इसकी जाँच कर सकते हैं। कहीं भी गाँव देहात में जाकर पूछिये कि पिछली बार किसे वोट दिया था और इस बार किसे देंगे।
– योगेंद्र यादव
#2ndPhase