Wednesday , 26 March 2025

तू ही बता ऐ कान्हा ~ तुलसीदास राजस्थानी

तूं ही बता ऐ कान्हा
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कभी
खिलखिलाते थे हम
तेरे पास आने से
क्यों आज उदास है हम
तेरे चले जाने से.
ये वृन्दावन की
कुन्ज-गलियां
जहां चहुंओर
खुशियां नाचा करती थी
हर चीज, हर आलम में
जहां मधुवाणी गूंजा करती थी
क्यों आज उदास है,,,?
जबकि केवल एक
तूं ही तो नहीं हमारे पास है
सब-कुछ पहले जैसा ही है
कुछ भी नहीं बदला है
फिर ऐ मनमोहन !
क्यों सबकुछ
सूना-सूना सा लगता है
क्यों तेरा इंतजार रहता है
तूं ही बता ऐ कान्हा !
एक तेरे चले जाने से
अब क्यों नहीं दिल लगता है.
—————————-
✍️- तुलसीराम “राजस्थानी”

About Manoj Bhardwaj

Manoj Bhardwaj
मनोज भारद्धाज एक स्वतंत्र पत्रकार है ,जो समाचार, राजनीति, और विचार-शील लेखन के क्षेत्र में काम कर रहे है । इनका उद्देश्य समाज को जागरूक करना है और उन्हें उत्कृष्टता, सत्य, और न्याय के साथ जोड़ना है। इनकी विशेषज्ञता समाचार और राजनीति के क्षेत्र में है |

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