दोस्तों भारत वासियों की भावनाओं में तिरंगा सर्वोच्य स्थान रखता हे ,दरअसल वेर्शो की गुलामी के बाद जब हमारा देश आज़ाद हुआ तो तिरंगे को हमारा राष्ट्रिय ध्वज घोषित किया गया गत १५ अगस्त (स्वतन्त्रता दिवस )को जब घर घर तिरंगा अभियान की घोषणा हुई तो हम सभी ने कई जगह तिरंगे का अपमान होते हुए भी देखा ,ऐसे में आवश्यक हे की हम सभी जान ले की तिरंगा फहराने से सम्बन्धित नियम क्या क्या हे l
तिरंगा सम्पूर्ण राष्ट्र क लिए गौरव का प्रतीक हे , देश के लोग तिरंगे के प्रति सम्मान और श्र्द्धा रखते हे .ऐसे में तिरंगा यदि फट गया हो या किसी तरह खंडित हो गया हो तो उसके निपटान को लेकर भी कुछ नियम बने हे भारतीय ध्वज संहिता २.२ के अनुसार यदि राष्रीय ध्वज क्षतिग्रस्त हो गया हो या बदरंग हो गया हो या फिर कट फट गया हो तो उसे अलग ले जाकर पूरी तरह से नष्ट कर देना चाहिए जलाकर या फिर ऐसे ही किसी एनी तरीके से जिससे की राष्ट्रिय ध्वज की गरिमा को कोई ठेस ना पहुचे l
कागज का तिरंगा हो तो…….
ध्वज यदि कागज का हो तो इसके निपटन को लेकर भी नियम बने हे आम तौर पर बच्चे और आम लोग कागज का तिरंगा भी फहराते हे इन ध्वजों को कभी भी जमीन पर नही फेंकना चाहिए राष्ट्रिय ध्वज की गरिमा को ध्यान में रखते हुए अलग एक तरफ ले जाकर त्याग देना चाहिए .आप ऐसे ध्वज को बहते पानी में भी समर्पित कर सकते हेl
1 :राष्ट्रिय ध्वज में सबसे उपर केसरिया बीच में सफेद और नीचे हरा रंग होता हे और इसी कर्म में राष्ट्रिय ध्वज को फहराया जाना चाहिए l
2 ; क्षतिग्रस्त या अस्त-व्यस्त राष्ट्रिय ध्वज को प्रदर्शित नही किया जा सकता हे l
3 : किसी भी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देते समय राष्ट्रिय ध्वज झुकना नही चाहिए l
4: किसी भी अन्य ध्वज को राष्ट्रिय ध्वज से उपर या अगल बगल नही रखा जाएगा और मस्तूल के उपर झा राष्रीय ध्वज फहराया जाता हे किसी तरह की फूलमाला या प्रतीक के साथ्कोई वस्तु नही रखी जाएगी
5 : राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी उय्स्व ,थाली,ध्वज पट्टी या किसी एनी तरीके से सजावट के लिए नही किया जाएगा
6 :राष्ट्रिय ध्वज पानी में जमीन फर्श या पगडण्डी को नही छूना चाहिए
7 :राष्ट्रिय ध्वज किसी भी ऐसे तरीके से प्रदर्शित या बंधा नही जाएगा जिससे उसे क्षति होते सम्भावना हो
8 : राष्ट्रिय ध्वज को किसी एनी ध्वज या झंडे ख़३ साथ एक ही न्मस्टर हेड (फ्लेग पोल का शीर्ष भाग )से एक साथ नही फहराया जाना चाहिए
9 : राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग वक्ता की मेज़ ढकने के लिए नही किया जाना चाहिए और ना ही वक्ता के मंच पर लपेटना चाहिए
…………. ताकि ना हो राष्ट्रिय ध्वज का अपमान
गृह मंत्रालय की और से राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के रोकथाम के न्लिये भी नियम बनाए गए हे ,जिसके तहत राष्ट्रिय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम , १९७१ के अनुसार ,इन बातो का ध्यान किया जाना चाहिए
1 : राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग निजी स्तर पर की जाने वाली अन्त्येश्तियो सहित किसी भी अन्य अन्त्येश्तियो के दौरान आवरण के रूप में नही किया जाएगा
2 :राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी प्रकार की पोषक या वर्दी बनाने के लिए नही किया जाएगा और ना ही इसे कशीदाकारी या कुषाण ,रुमाल ,नेपकिन या किसी ड्रेस सामग्री पर मुद्रित किया जाएगा
3 :राष्ट्रीय ध्वज पर कोई अक्षर लेखन नही होना चाहिए , इसका उपयोग किसी वस्तु को लपेटने ,कोई वस्तु प्राप्त करने या वितरित करने के लिए नही किया जाएगा
4 :राष्ट्रीय धवज का उपयोग किसी भी वाहन की साइड्स , पृष्ठ भाग या उपर ढकने के लिए नही किया जाएगा
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