Saturday , 15 March 2025

बिहार घटनाक्रम: विपक्ष के लिए फायदे का सोदा

दोस्तों भारतीय राजनीति में पिछले कुछ दिनों से बहुत ही दिलचस्प घटनाक्रम देखने को मिल रहा है कल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया,नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया वापस मुख्यमंत्री बनने के लिए पहले नीतीश कुमार राजद और कांग्रेस किस सहयोग से मुख्यमंत्री थे अब उन्होंने पाला बदल के बीजेपी का सहयोग ले लिया है और मुख्यमंत्री  बन गए हैं दोस्तों यह देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार जमीन पर अपना बहुमत कैसे सिद्ध कर पाएंगे।

            बेशक इस घटनाक्रम को गोदी मीडिया और बीजेपी समर्थक मोदी जी का मास्टर स्ट्रोक बता रहे हैं लेकिन वह वर्ग जो हर घटनाक्रम पर अपनी पैनी नजर बनाकर रखना है यानी जो अपनी बुद्धि का उपयोग करता है मतलब बुद्धिजीवी वर्ग, बुद्धिजीवी वर्ग की नजर में आज भारतीय जनता पार्टी का चरित्र  पूर्ण रूप से स्पष्ट हो गया है वह पूर्णरूप से समझ गया है कि बीजेपी एक सिद्धांत वीहिन पार्टी है 2014 के बाद ऐसे कई उदाहरण है जिनमें भाजपा ने किसी नेता पर पहले भ्रष्टाचार के आरोप सार्वजनिक रूप से लगाए हो और दूसरे दिन जब उसे नेता ने बीजेपी को ज्वाइन कर लिया तो उसे पर सारे आरोप हटा दिए गए और उसे क्लीन चिट दे दी गई। फिर चाहे असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व सरमा हो चाहे महाराष्ट्र से अजीत पवार।

            दोस्तों हमारे नजरिए से यह कांग्रेस के लिए एक सुनहरा मौका आया है जब कांग्रेस बीजेपी के चरित्र को जनता के सामने सशक्त रूप से ला सकती है लेकिन इसके साथ ही कांग्रेस को जनता के मुद्दों पर भी बने रहना होगा, कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर कांग्रेस को बने रहना होगा। मसलन वर्तमान में evm का मुद्दा है सुप्रीम कोर्ट में वकील और किसान इस मुद्दे पर  भरपूर कोशिश कर रहे हैं।

               दोस्तों बीजेपी और चुनाव आयोग दोनों का evm के मुद्दे पर जिद पकड़ कर बैठना evm को स्वयं ही कैटघरे में खड़ा कर देता है वरना जब इतना विरोध हो रहा है तो क्यों नहीं एक बार बेलेट पेपर भी पर ही चुनाव  करवा कर देख लिया जाए इसके अलावा बेरोजगारी,गरीबी, महिला सुरक्षा,भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे कांग्रेस के पास है जिनके सहारे इंडिया गठबंधन चुनाव लड़ सकता है साथ ही कांग्रेस को अपना अहम त्याग कर अपने सहयोगी दलों को विश्वास में लेना होगा जैसे तेजस्वी यादव दोस्तों एक बार माननी होगी कि तेजस्वी यादव बेरोजगारी के मुद्दे को लगातार उठाकर आज बिहार की जनता के सबसे लोकप्रिय नेता के बनकर उभरे हैं इसमें कोई शक नहीं रह गया तेजस्वी यादव से सीटों के बंटवारे ने यथोचित  समझौता करके बिहार जीत सकते हैं जैसे यूपी में अखिलेश यादव 11 सीटों पर सहमति दर्शीई है इसी तरह पंजाब में आम आदमी पार्टी महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे आदि से समझौता करके कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर सकती है।कांग्रेस को यह समझना होगा की अब कांग्रेस 90 के दशक की कांग्रेस नहीं रह गई है।

               बेशक राम मंदिर के सहारे भाजपा ने अपने पक्ष में अच्छा माहौल बनाया है लेकिन दोस्तों हमें नहीं लगता कि राम मंदिर की वजह से चुनावी माहौल बदल गया है मानो राम मंदिर से पहले तो मोदी हार रहे थे लेकिन मंदिर का निर्माण होने की वजह से अब मोदी जीत जाएंगे मानो मोदी की हार और जीत सिर्फ प्रणाम निर्माण पर निर्भर कर रही थी जबकि सच्चाई यह है कि मोदी आज भी वही खड़े हैं जहां वह मंदिर बनने से पहले खड़े थे सच्चाई यह है कि जो वोटर मंदिर और धर्म के नाम पर वोट देते हैं वह पहले भी मोदी को ही वोट देते थे और आगे भी मोदी को ही वोट देंगे।

            पूरे देश में एक भी वोट ऐसा नहीं मिलेगा जो मंदिर निर्माण से पहले मोदी विरोधी था और अचानक मंदिर बनने के बाद मोदी समर्थक बन गया है तो फिर माहौल बदल कैसे गया।और शंकराचार्य और अन्य धर्मचार्यो के विरोध के बावजूद मोदी जी का मंदिर का उदघाटन करवा देना भी बुद्धिजीवी वर्ग को खल रहा है।

              दरअसल माहौल बदला नहीं है माहौल बनाया जा रहा है माहौल ऐसा बनाया जा रहा है कि विपक्ष बगैर लड़े ही हार मान ले माहौल ऐसा बनाया जा रहा है कि जो 60% मतदाता मोदी को हारना चाहता है वह मोदी की जीत तय मानकर वोट देने निकले ही नहीं माहौल बनाया जा रहा है ताकि मोदी की जीत का डर दिखाकर आलोचना करने वाले और विरोध करने वालों की आवाजों को दबाया जा सके।

            इसलिए विपक्ष को इस भ्रमजाल में फंसने की बजाय अपनी रणनीति पर काम जारी रखना चाहिए लगभग हर लोकसभा सीट में कोई ना कोई ऐसा नेता मिल जाता है जो किसी पार्टी से ज्यादा स्वयं लोकप्रिय होता है उसकी पकड़ वोटो पर बहुत ज्यादा मजबूत होती है ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित करके मैदान में उतर जा सकता है।

                जहां भारतीय जनता पार्टी को राम मंदिर का लाभ मिल रहा है वहीं यदि कांग्रेस चाहे तो किसानों की एम एसपी, सामाजिक न्याय, महिला सुरक्षा आदि को मुद्दा बना सकती है और अति आत्मविश्वास में बीजेपी मुद्दे देती जा रही है मसलन कुछ दिन पहले राहुल की न्याय यात्रा असम से गुजर रही थी तो वहां के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व सरमा ने उनकी यात्रा में कई रोड़े अटका है उन्हें राम मंदिर जाने से रोका विश्वविद्यालय जाने से रोका रास्ते पर बैरिकेड आदि लगवाए इन सभी मुद्दों को जनता के बीच लाकर कांग्रेस बीजेपी से पार पा सकती है वैसे वर्तमान समय में बीजेपी का सामना करने के लिए पाक दामन होना बहुत जरूरी है अब चाहे वह राजनीतिक दल हो या पत्रकार हो यदि सरकार की आंखों में आंखें डालकर सवाल करना है  तो इस के लिए आपको पूर्ण रूप से ईमानदार होना पड़ेगा नहीं तो ईडी,सीबीआई,इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों को सभी जानते हैं।

               

About Manoj Bhardwaj

Manoj Bhardwaj
मनोज भारद्धाज एक स्वतंत्र पत्रकार है ,जो समाचार, राजनीति, और विचार-शील लेखन के क्षेत्र में काम कर रहे है । इनका उद्देश्य समाज को जागरूक करना है और उन्हें उत्कृष्टता, सत्य, और न्याय के साथ जोड़ना है। इनकी विशेषज्ञता समाचार और राजनीति के क्षेत्र में है |

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