
दूर-दूर तक प्रसिद्ध कुचामन का भारतीय संगीत सदन। संगीत के क्षेत्र में कई ऐसी प्रतिभाएं दे चुका है संगीत सदन जिन्होंने देश-विदेश मैं जाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है और संगीत सदन का डंका बजवाया है। एक लंबे अर्से से संगीत की सेवा करता यह संस्थान अपनी एक अलग पहचान रखता है। हर गर्मी की छुट्टियों में यहां समर कैंप के रूप में संगीत की विभिन्न विधाओं में मुख्यतः गायन,वादन,गिटार बजाना, तबला,ढोलक,कथक नृत्य,वेस्टर्न डांस, आदि निशुल्क सिखाए जाते हैं और भारी संख्या में विद्यार्थी यह सभी कलाएं सीखने के लिए आते भी हैं।

वर्तमान सत्र में भी विद्यार्थी यहां पर अपनी अभिरुचि के अनुसार संगीत के क्षेत्र में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।आईए देखते हैं संगीत सदन के विद्यार्थियों को ज्ञान प्राप्त करते हुए संलग्न वीडियो में।
लगभग 30 वर्षों से इसी संगीत सदन में संगीत सिखने वाले मोहम्मद असलम आज यहीं पर सभी विद्यार्थियों को संगीत वादन और गायन की विधा का ज्ञान दे रहे हैं। वही कत्थक का अभ्यास जयपुर घराने से जुड़े श्री किशोर कत्थक करवा रहे हैं। वेस्टर्न डांस आशीष रावल सीख रहे हैं तो गिटार और ऑर्गन पर विजय शर्मा अपना ज्ञान विद्यार्थियों को दे रहे हैं।
तबला और ढोलक पर ओमप्रकाश दमामी और विनोद दमामी पिता पुत्र की जोड़ी वादन सीख रहे हैं।

वहीं संगीत सदन की प्रशासन की टीम अध्यक्ष श्री घनश्याम गोड,श्री भानु प्रकाश ऑदीच्य,श्री सुनील माथुर,श्री प्रदीप आचार्य,श्री प्रकाश टेलर, श्री प्रभात प्रधान,श्री प्रकाश दाधीच, और श्री मुकेश राजपुरोहित आदि अपना पूरा समय संगीत सदन को निस्वार्थ भाव से देकर इस कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे हुए हैं।
इनमें से अधिकतर लोग ऐसे हैं जिनकी पीढ़ीयो ने इस संगीत सदन को अपनी सेवाएं दी है। इस समर कैंप के अलावा भी यहां साल भर में कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं। मसलन गणगौर पर्व,बसंत उत्सव, होली पर फाग,किशोर नाइट,रफी नाइट,लता लाइट आदि। बहरहाल संगीत सदन को आज की स्थिति में पहुंचने का श्रेय स्वर्गीय श्री नटवरलाल जी बक्ता को जाता है। जिन्होंने दानदाताओं की मदद से इस संगीत सदन को आज की स्थिति में पहुंचाया है। आज संगीत सदन में सभी वाद्य यंत्र बहुतायत में उपलब्ध हैं।

साथ ही आचार्य परिवार जिनकी दो पीढ़िया स्वर्गीय श्री गोकुल चंद्र आचार्य एवं उनके तीनों पुत्र श्री विनोद जी आचार्य, भानु प्रकाश ऑदीच्य और श्री प्रदीप आचार्य। गौड़ परिवार जिनकी दो पीढ़िया श्री गुलाब जी गोड़ और उनके पुत्र घनश्याम जी गोड़ (वर्तमान अध्यक्ष)। माथुर परिवार जिनकी दो पीडिया स्वर्गीय श्री हनुमान जी माथुर और उनके दो पुत्र अनिल जी माथुर और श्री सुनील जी माथुर संगीत सदन के प्रति पूर्ण समर्पण भाव से लगे हुए हैं।
तो दोस्तों यह है भारतीय संगीत सदन जो संगीत के क्षेत्र मे अपना पूर्ण देने मे लगा हुआ है।