पिछले दिनों एक तेज आंधी का सामना कुचामन सिटी को करना पड़ा था। अब उसे तेज़ आंधी भी नहीं कहा जा सकता लगभग 70 से 90 किलोमीटर प्रति घंटा के साथ चलने वाली हवाएं कहा जा सकता है। उसमें हमारे क्षेत्र के काफी बिजली के खंभे धराशाई हो गए थे और क्षेत्र को लगभग 24 घंटे तक बिजली की समस्या से जूझना पड़ा था।
उसे दिन भी क्विक न्यूज़ में इस समस्या पर प्रमुखता से कार्यक्रम किया था। सवाल यहां यह खड़ा होता है कि थोड़ी सी तेज हवाओं से ही खंबे क्यों गिर जाते हैं। क्विक न्यूज़ ने ज़ब इसकी गहराई से पड़ताल की तो कई कारण सामने आए। स्टेशन रोड पर लगे हुए विद्युत् पोल 70% अपने अक्ष पर 90 डिग्री के कोण पर खड़े नहीं है। कोई किधर झुका हुआ है और कोई किधर हुआ है। प्रमुख विद्यालय जवाहर स्कूल के मुख्य द्वार के पास लगा खम्बा इसकी कहानी खुल कर बयान कर रहा है। दर्शकों में से कोई भी जाकर देख सकता है।

कल परशुराम कॉलोनी का ही एक मामला सामने आया देखिए खंबा आपकी पूरी स्क्रीन पर देखिये। खम्बा जहां जमीन में गड़ा है वहां की हालत आप स्वयं देख सकते हैं। पूरी तरह से जर्जर अवस्था में है। लोहे के जंग लगे तार बाहर निकल चुके हैं। और खंबा कभी भी जमीन पर आ सकता है। साहब यह खंबा एक पोश कॉलोनी में लगा है। उसके आसपास चारों तरफ अच्छे परिवारों के मकान स्थित है।

कभी भी खंबा किसी भी घर पर गिर सकता है। साथ ही यहां पर बच्चे शाम के टाइम खेलते भी हैं। और उन पर खतरा हमेशा मंडराता रहता है। अब इसके आसपास रहने वाले निवासियों को लगभग विभाग को शिकायतें करते हुए एक माह बीत चुका है। लेकिन विभाग ने यहां आकर चेक करना भी मुनासिब नहीं समझा है। लिजीए सुनते हैं आसपास रहने वालों की व्यथा।
अब इस तरह के खंभे कुचामन में कितने हैं गिनती लगाना मुश्किल है। बहरहाल खंबे इस हालत में होंगे तो गिरेंगे ही। लेकिन विभाग खम्बो के गिर जाने के बाद ही नींद से जगाता है।

चलिए यह तो हुई खम्बो की बात अब बात करते हैं लटकते झूलते तारों की शहर में कई ऐसी जगहै क्विक न्यूज़ ने देखी जहां साधारण लंबाई वाला आदमी झूलते तारों को उछलकर छू सकता है। यानी भूतल से मात्र आठ नौ फिट ऊपर। पेश है एक वीडियो जिसमे तार कितने नीचे लटक रहे हैं आप स्वयं देख सकते है।

इस वीडियो मैं,यह वीडियो है स्टेशन रोड पर स्थित शहर की प्रमुख शिक्षण संस्था एकलव्य एकेडमी के सामने का यहां के मूल निवासियों द्वारा और स्वयं स्कूल प्रशासन द्वारा भी कई बार विभाग को शिकायत दर्ज करवाई जा चुकी है। लेकिन इस समस्या का समाधान भी अभी तक नहीं हो पाया है। और विभाग कभी तेज हवा का बहाना बनाता हैं और कभी कोई और कारण गिनवा देता है।