Wednesday , 26 March 2025

जंजीर :सुपर स्टार का उदय

इस इलाके में नए आये हो साहेब
शेरखान धंधा काला करता है ..लेकिन पूरी ईमानदारी से..

यह हिंदी फिल्म ‘जंजीर’ के वो कालजई संवाद है जिस पर आज भी भरपूर तालियाँ बजती है फिल्म की कहानी में ‘शेरखान’ नाम का किरदार बॉलीवुड के खलनायक कहे जाने वाले प्राण ने निभाया है. ……ये बात तो जगज़ाहिर है कि फिल्म ‘जंजीर’ में दिलीप कुमार, राज कुमार, देव आनंद सबने उस रोल को निभाने से इनकार कर दिया जिसने अमिताभ बच्चन को बुलंदी पर बिठा दिया …… 50 साल पहले 11 मई 1973 मई को रिलीज़ हुई ये वही फ़िल्म थी जिसने हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री को दिया ‘एंग्री यंग मैन’, एक नया सुपरस्टार जो आने वाले सालों में हिंदी फ़िल्मों की काया पलटने वाला था……. इसके साथ ही शुरु हुई प्रकाश मेहरा और अमिताभ बच्चन की जादुई जोड़ी जिसका जादू 1989 में फ़िल्म ‘जादूगर’ के साथ टूटा…….आप सोच रहे होंगे कि इस फिल्म की कहानी में ऐसा क्या था जो एक फिल्म ने अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड का सुपरस्टार बना दिया…… ?

फ़िल्म रिलीज़ होने से पहले गुरुवार को लोगों के लिए प्राण और जया भादुड़ी फ़िल्म का सबसे बड़ा आकर्षण थे लेकिन एक हफ़्ते बाद अमिताभ बतौर एक्टर और स्टार फ़िल्मी मैगज़ीनों के कवर पर थे इस फ़िल्म ने अमिताभ को स्टार बनाया, ऐसा स्टारडम जिसकी चमक आज तक फ़ीकी नहीं पड़ी है…….विजय नाम के इस पुलिस वाले का किरदार अमिताभ बच्चन ने निभाया था. शेरखान नाम का किरदार पुलिस वाले विजय के इलाके में शराब और जुआ का ग़ैरकानूनी काम करता है और इस बीच ही दोनों में घमासान होता है पर विजय की बहादुरी देखकर शेरखान उससे दोस्ती कर लेता है और अपना गैरकानूनी काम भी बंद कर देता है…..

फिल्म जंजीर के गाने फिल्म की कहानी के अनुकूल हैं…….. जैसे जब विजय और शेरखान की दोस्ती दिखाई गई तो गाना कुछ इस कदर था ‘यारी है ईमान मेरा’. ’. अमिताभ बच्चन और प्राण ने जिस कदर अपने किरदार को गंभीरता के साथ निभाया है उसे देखने के लिए एक बार नहीं बहुत बार सिनेमाघरों में लोगों की भीड़ उमड़ी थी…..अभिनेता प्राण ‘यारी है इमान ‘गाना करना करना नहीं चाहते थे वो प्रकाश मेहरा को टाल मटोल करते रहे लेकिन प्रकाश मेहरा भी जिद कर बैठ गये दरअसल प्राण को नाचना नहीं आता था लेकिन प्रकाश मेहरा ने उन्हें राजी कर लिया और प्राण को पूरी छूट दे दी कि उन का जैसे मन हो वैसे नाचे और प्राण साहेब ऐसा झूमकर नाचे की इतिहास बन गया ….

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साभार :पवन मेहरा
‘सुहानी यादे बीते सुनहरे दौर की ‘✍️
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About Manoj Bhardwaj

Manoj Bhardwaj
मनोज भारद्धाज एक स्वतंत्र पत्रकार है ,जो समाचार, राजनीति, और विचार-शील लेखन के क्षेत्र में काम कर रहे है । इनका उद्देश्य समाज को जागरूक करना है और उन्हें उत्कृष्टता, सत्य, और न्याय के साथ जोड़ना है। इनकी विशेषज्ञता समाचार और राजनीति के क्षेत्र में है |

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