Monday , 23 June 2025

चिकित्सा इकाई का शहर से दूर स्थानांतरण जनता के साथ छल ,

  कल हमने कार्यक्रम किया था स्थानीय कुचामन वेली में राजकीय चिकित्सालय के महिला एवं बाल चिकित्सा इकाई के स्थानांतरण पर और लगभग यह सिद्ध किया था कि इन संवेदनशील इकाईयो के शहर से दूर स्थानांतरण से स्थानीय आम संसाधन विहीन जनता को क्या तकलीफे होने वाली है।आज हमने आम जनता से ही जानने की कोशिश की उनके लिए इस स्थानांतरण से होने वाले लाभ हानि के बारे में मुख्य रूप से निम्नलिखित तथ्य सामने आए।

          1. शहर से अत्याधिक दूरी और गंभीर स्थिति में समय पर चिकित्सा नहीं मिल पाना : जैसा कि हमने कल बताया था कि कुचामन के पुराने बस स्टैंड से जो स्थान कुचामन वैली में महिला एवं बाल चिकित्सा इकाई के लिए चिन्हित किया गया है। जिनकी रजिस्ट्री हुई है उसकी दूरी लगभग 7 किलोमीटर से ज्यादा पड़ जाती है अब पुराने बस स्टैंड से वहां तक जाने के लिए टेंपो में जाना पड़ता है और फिर कुचामन वैली के अंदर लगभग ढाई से 3 किलोमीटर जाना पड़ता है। और पैदल चलना पड़ता है। ऐसे में गर्भवती महिला और बच्चों को वहां तक ले जाना कितना व्यावहारिक है।

            2. भूमाफियाओं को फायदा: क्विक न्यूज़ की पड़ताल में यह सामने आया कि जहां यह स्थान चिन्हित किया गया है। उस स्थान के आसपास कई बड़े राजनेताओं के भूखंड स्थित है। साथ ही बालाजी डेवलपर्स जिसने कुचामन वेली को डेवलप किया है।उसको भी वहां पर चिकित्सालय जाने से अपनी जमीन बेचने में काफी फायदा होगा।

            3. डूब क्षेत्र में होने से दुर्घटना का खतरा : कल हमने बताया था कि जहां यह स्थान चिन्हित किया गया है  महिला एवं बाल चिकित्सा इकाई के लिए, वह स्थान डूब क्षेत्र में आता है। और उसे पर बैंक भी लोन सैंक्शन करने से डरती है। और यह बात हमें स्टेट बैंक आफ इंडिया से जुड़े हुए देवी सिंह चौहान ने बताई थी। अब यदि  बरसात के दिनों में वहाँ किसी प्रकार की दुर्घटना हो जाती है या वहां पर पानी भर जाता है तो आम गर्भवती महिलाओं का या बच्चों का वहां पर पहुंचना कितना मुश्किल हो सकता है। आम जनता और सरकार दोनों ईसे वह बखूबी समझ सकती है।

             4. जनता के धन का दुरुपयोग: मान लिया कि वह जमीन बालाजी डेवलपर्स ने उपलब्ध करवाई है लेकिन वहां पर चिकित्सालय के निर्माण पर भी तो धन लगेगा और वह पैसा आम जनता की जेब से ही जाने वाला है। क्योंकि इनकम टैक्स आम जनता ही देती है।

           5. दवा व्यवसाययों को आर्थिक हानि : जो व्यापारी चिकित्सालय के सामने या चिकित्सालय के क्षेत्र में दवाइयां का व्यवसाय वर्षो से कर रहे हैं यदि शहर के बीच मे से चिकित्सालय कुचामन वेली मे स्थानांतरित हो जाने पर उनको कितनी हानी होंगी।यह सभी जानते हैं और यह एक अव्यवहारिक निर्णय है। 

              दोस्तों इस संबंध में एक क्विक न्यूज़ में कई आम और खास लोगों से बात की और सभी के विचार खुलकर सामने आए।

           तो सबसे पहले क्विक न्यूज़ से बात की दीपक चंदेलिया से वाल्मीकि बस्ती निवासी दीपक चंदेलिया जागरूक युवा है। उनका कहना है कि उनका समाज में वैसे ही आर्थिक रूप से कमजोर है इतनी दूरी पर चिकित्सालय को होना आर्थिक रूप से कितना भारी पड़ेगा। सरकार को इसका अंदाजा नहीं है शायद क्योंकि इतनी दूर आने जाने का किराया प्रति व्यक्ति लगभग ₹100 पड़ जाता है। यदि गर्भवती महिला वहां तीन दिन रहती है और दो व्यक्ति प्रतिदिन चार बार वहां से आते जाते हैं तो ₹800 प्रतिदिन का खर्च हो जाता है तीन दिन में यह घर के 2400 रुपए होता है अब गरीब व्यक्ति पर यह अतिरिक्त भार क्यों जबकि शहर के मध्य में चिकित्सालय स्थित है।

                 वही प्रदेश कम महिला कांग्रेस महासचिव मृदुल कोठारी से बात की तो उनके अनुसार सिर्फ भूमाफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ऐसा व्यावहारिक निर्णय कैसे ले सकती है। क्या सरकार को आम जनता के दुख तकलीफ से कोई लेना देना नहीं है।

             बहरहाल दोस्तों क्विक न्यूज़ स्थानीय विधायक और राज्य मंत्री श्री विजय सिंह चौधरी से इस विषय पर पुनर्विचार का आग्रह करता है। क्योंकि यह वास्तव में आम जनता के लिए एक है अव्यवहारिक निर्णय सिद्ध होगा।

About Manoj Bhardwaj

Manoj Bhardwaj
मनोज भारद्धाज एक स्वतंत्र पत्रकार है ,जो समाचार, राजनीति, और विचार-शील लेखन के क्षेत्र में काम कर रहे है । इनका उद्देश्य समाज को जागरूक करना है और उन्हें उत्कृष्टता, सत्य, और न्याय के साथ जोड़ना है। इनकी विशेषज्ञता समाचार और राजनीति के क्षेत्र में है |

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