दोस्तों क्विक न्यूज़ एवं को कभी कतई गलत नहीं ठहरा रहा है लेकिन पिछले दिनों जो चुनाव के रिजल्ट के बाद जो घटनाक्रम हुआ उसे एवं का भूत एक बार फिर से जिंदा हो गया तो इस एवं की बात पर ध्यान डाला जाना लाजमी है की मध्य प्रदेश में जब मतगणना शुरू हुई तो जब पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू हुई तो 199 सीटों पर कांग्रेस आगे थी कमोबेश यही बात छत्तीसगढ़ और राजस्थान के साथ भी थी लेकिन जैसे-जैसे ई वी एम खुलती गई कांग्रेस पिछड़ती गई और भारतीय जनता पार्टी आगे होती गई।
फिर कांग्रेस के लगभग सभी नेताओं ने या जनता ने एवं प्रदोष मनाना शुरू कर दिया लेकिन कांग्रेस एक यह भी दावा कर रही है कि इस बार बीजेपी को कुल वोट मिले हैं 4 करोड़ 81 लाख और कांग्रेस को वोट मिले हैं 90 लाख मतलब बीजेपी से कांग्रेस को 9 लाख वोट ज्यादा मिले हैं यह मध्य प्रदेश का आंकड़ा है अब कुछ पहलुओं पर यह ध्यान देना आवश्यक है दोस्तों 16 में 2012 को इंडियन एक्सप्रेस के मुख्य पृष्ठ पर एक समाचार प्रकाशित हुआ था इसमें एवं पर भारतीय जनता पार्टी अपनी हार का ठीकरा फोड़ दी है तो ऐसे में अब भाजपा एवं की पक्षधर क्यों है।
एक दूसरी बात मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि उनके विधायकों को उनके ही गांव में नहीं मिले 50 वोट। वहीं कांग्रेस के दूसरे बड़े नेता दिग्विजय सिंह का कहना है की चिप वाले किसी भी मशीन को हैक किया जा सकता है मध्य प्रदेश के कुरूर विधानसभा के बसपा के उम्मीदवार श्री लालचंद पटेल ने बताया कि जिस पोलिंग बूथ के वे उम्मीदवार हैं और जिस राउंड में उनके भूत के मतों की गणना हुई उसे भूत में उसे सुनने वोट मिला जबकि उसके परिवार के ही 6 सदस्य हैं और छहो सदस्यों का उसे वोट नहीं मिला दोस्तों जापान जो evm मशीन बनाता है वहां पर भी बैलेट पेपर से ही चुनाव होते हैं।
दोस्तों स्क्रीन पर आपको आरटीआई एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला का एक ट्वीट दिखाई दे रहा है कुणाल शुक्ला कह रहे हैं
दोस्तों एक और व्यक्ति है हरी प्रसाद जिनकी फिर आपको चित्र स्क्रीन पर दिखाई दे रहा है उन्होंने सभी को ईवीएम हैक करके दिखाया लेकिन चुनाव आयोग है कि उससे मिलना भी नहीं चाहता है तो तो दुनिया के किसी भी देश में जहां पर लोकतंत्र है वहां पर एवं से चुनाव नहीं होता है मतलब नीदरलैंड में पारदर्शिता की कमी की वजह से एवं बना है इटली में ई वोटिंग में संदिग्धता है इसलिए इवीएम बंद है, आयरलैंड में 3 साल की रिसर्च के बाद इवीएम को बंद कर दिया गया इंग्लैंड फ्रांस में कभी इवीएम का इस्तेमाल ही नहीं किया गया जर्मनी ने इवीएम को असंवैधानिक बता कर बंद कर दिया है 5 दिसंबर के उज्जैन के दैनिक भास्कर के अंक की खबर आपकी स्क्रीन पर है इस खबर के अनुसार पोस्ट ब्लड में कांग्रेस को 199 सीटों पर भर्ती जबकि प्रदेश में पार्टी जीती सिर्फ 66 सीटों पर है। एक और ट्वीट आपकी स्क्रीन पर है इसमें 19 लाख इवीएम गायब थी मतलब इवीएम निर्माता ने जो मशीन चुनाव आयोग को भेजने के लिए तैयार की उनमें से 19 लाख इवीएम चुनाव आयोग के पास पहुंची ही नहीं यानि 19 लाख इवीएम गायब है जिसके बारे में किसी को कोई खबर नहीं है इसके साथ आपकी स्क्रीन पर कुणाल शुक्ला के आरटीआई की फोटो दिखाई दे रही है।
दोस्तों इसके अलावा जनसत्ता की एक रिपोर्ट से खुलता हुआ है कि इवीएम और विवि पेट में वोट की ताल मेंल नहीं है मतलब 2019 लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल किए गए वीवीपेट खराब पाए गए लगभग 6:30 लाख विविपेट थे जो खराब थे।2019 चुनाव से पहले 19 लाख इवीएम यानी 2016 से 2018 तक देश के 19 लाख इवीएम गायब हुए हैं दरअसल यह खबर 2019 से पहली बार सामने आई 2019 मैं अंग्रेजी पत्रिका फ्रंटलाइन ने मुंबई हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका के हवाले से यह खबर छपी थी करीब 19 लाख इवीएम चुनाव आयोग के कब्जे से गायब है मुंबई के आरटीआई एक्टिविस्ट मनोरंजन राय ने 27 मार्च 2018 को मुंबई हाई कोर्ट में एक जनित याचिका दायर की थी इस याचिका में उन्होंने इवीएम की खरीद को लेकर शिकायत दर्ज की थी।
सुप्रीम कोर्ट के वकील नरेंद्र मिश्रा कहते हैं कि 15000 शिकायतें मध्य प्रदेश के चुनाव आयुक्त के पोर्टल में पाई गई।
वैसे दोस्तों इवीएम का हैक होना कोई असंभव बात नहीं लगती है जैसे पैगासस नाम का एक सॉफ्टवेयर इतना शक्तिशाली है कि वह किसी भी फोन में घुसकर जासूसी कर सकता है यहां तक की आईफोन में भी घुसकर वह अपनी सारी काम की चीज ले सकता है,, तो इवीएम चीज ही क्या है इवीएम तो एक मशीन ही है।