Friday , 14 November 2025

साहित्य और संगीत प्रेमियों के लिए विशेष दिन

कुचामन पुस्तकालय में मनाई गोस्वामी तुलसी दास और प्रेम चंद की जयंती |

दोस्तों कल का दिन कुचामन सिटी के लिए साहित्य और संगीत की दृष्टि से बहुत ही खास रहा है। जहां साहित्य के क्षेत्र में कुचामन हिंदी पुस्तकालय में भक्त कवी तुलसीदास और कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती मनाई गई, वहीं भारतीय संगीत सदन में मोहम्मद रफी को उनके प्रयाण दिवस पर कुचामन के सभी गायको द्वारा और संगीतकारों द्वारा श्रद्धांजलि भी दी गई। 

          तो दोस्तों पहले बात करते हैं साहित्य की हिंदी पुस्तकालय कुचामन सिटी में रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास और कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती को पूरी श्रद्धा के साथ मनाया गया। मुख्य वक्ता के रूप में यहां प्रोफेसर अन्नाराम जी शर्मा जो की राजस्थान साहित्य परिषद के अध्यक्ष भी है उपस्थित थे। वहीं विशिष्ट अतिथियों के रूप में मोनी बाबा और हिरानी गौशाला के महंत सुदर्शन जी महाराज मौजूद थे। वहीं B.Ed कॉलेज की छात्राओं ने भी तुलसीदास और प्रेमचंद के जीवन पर अपने शब्दों में प्रकाश डाला। कुचामन कॉलेज के व्याख्याता श्री ऋतुराज शर्मा के द्वारा भी हिंदी साहित्य पर अपने विचार प्रकट किए गए। 

             श्री सुदर्शन जी महाराज ने तुलसीदास से संबंधित एक भजन सुना कर श्रोताओं का मन मोह लिया वहीं मोनी बाबा ने अपने उद्बोधन में कहा कि तुलसीदास हमेशा प्रासंगिक रहे थे  है और रहेंगे।

         मुख्य वक्ता श्री अन्नाराम जी ने तुलसीदास जी के एक दोहे को सुनाते हुए शब्दों के चयन के महत्व को बताया। साथ ही उन्होंने प्रेमचंद के बारे में भी विस्तार से बताया। कार्यक्रम में मंच संचालन कुचामन के प्रसिद्ध साहित्यकार श्री सुरेश कुमार वर्मा ने किया। अंत में सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया।

संगीत सदन ने पेश की मो.रफी साहब को स्वरांजलि

 वहीं भारतीय संगीत सदन में सदस्यों द्वारा भारतीय संगीत के कोहिनूर “रफी साहब” की पुण्यतिथि पर स्वरांजलि पेश की गई। दोस्तों पहले भी कई कार्यक्रमों में क्विक न्यूज़ बता चुका है कि कुचामन सिटी में संगीत के प्रति दीवानगी पागलपन की हद तक है और यही कारण है कि कुचामन सिटी में भारतीय संगीत सदन है ऐसा संगीत के प्रति समर्पित संस्थान कहीं दूर-दूर तक क्षेत्र में उपलब्ध नहीं है। यहां साधकों को पूरी तरह से निशुल्क संगीत का प्रशिक्षण यहां के संगीतकारों द्वारा दिया जाता है। यहां के विद्यार्थियों ने देश और विदेश में के कई स्थानों पर अपनी छाप छोड़ी है ।

             तो दोस्तों शुरुआत करते हैं कार्यक्रम की। कार्यक्रम के आगाज के रूप मे सरस्वती पूजन संगीत सदन के सर्व पूज्य गुरु श्री विनोद जी आचार्य द्वारा किया गया। दोस्तों यहां यह बताना चाहूंगा कि कुचामन सिटी के शायद ही कोई ऐसा संगीत का कार्यक्रम होगा जिसमें आचार्य परिवार की उपस्थिति नहीं होती होगी। आचार्य परिवार कुचामन के प्रत्येक संगीत के कार्यक्रम में उपस्थित रहता है। और आचार्य परिवार का प्रत्येक सदस्य संगीत के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। 

             सरस्वती वंदना के पश्चात नवसाधक राहुल ने बहुत ही सधे हुए स्वरों में रफी साहब के गीत “आने से उसके आए बहार सुनाया” और खूब तालियां बटोरी वहीं सदन की बालिकाओं द्वारा जिनमें कविता और उनकी साथी थी उन्होंने सुनाया “जनम जनम का साथ है हमारा तुम्हारा” और खूब तालियां बटोरी। अभिनव दाधीच द्वारा “सौ साल पहले हमें तुमसे प्यार था” पवन राकावत ने “ऐ मेरे शाह खुबा” सुना कर दिल जीत लिया। 

           राजकुमार ट्रेलर ने अपने अंदाज में “क्या हुआ तेरा वादा” कुचामन सिटी के प्रसिद्ध वकील एडवोकेट महेंद्र पारीक ने “मेरी जिंदगी में आते तो कुछ और बात होती सुनाया” और श्रोताओं का दिल लूट लिया। श्री विक्रांत कुमार ने “मेरे दुश्मन तू मेरी दोस्ती को तरसे” सुनाया। सदन के वरिष्ठ सदस्य और शिक्षा विद महेंद्र मिश्रा ने “तू इस तरह से मेरी जिंदगी में शामिल है” सुनाया मधुर  गायक युसूफ भाटी ने अपने अंदाज में “बुँदे नहीं सितारे” सुना कर रफी साहब को खिराज ऐ  अक़ीदत पेश की। 

            वहीं मनोज भारद्वाज ने मस्ती भरा गीत “धक-धक से धड़कना भुला दे सुनाया” ।अंतरराष्ट्रीय गायक मुकेश राजपुरोहित ने “लिखे जो खत तुझे सुनाया” और तालियां लूटी। संगीत के नाम अपनी जिंदगी लिख देने वाले मोहम्मद असलम ने अपनी मधुर आवाज में “आज की रात मेरे दिल की सलामी ले ले”। सुनाया और श्रोताओं को मंत्र मुक्त सा कर दिया।

           और दोस्तों अब बारी थी सदन के वरिष्ठ गायको की जिनमे श्री सुनील माथुर और पवन राँकावत ने “सुख के सब साथी” गीत सुनाया इनके बाद श्री भानु प्रकाश ऑदीच्य ने “यह रेशमी जुल्फें यह शरबती आंखें सुनाया” और अंत में संगीत सदन के अध्यक्ष श्री घनश्याम गोड और प्रदीप आचार्य ने “एहसान मेरे दिल पर तुम्हारा है दोस्तों” सुनाकर सभी को मुस्कुराते हुए तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।

            मंच संचालन कहने  की जरूरत ही नहीं है मंच संचालन के लिए हमेशा मस्त मौला अजमत मौलानी का ही नाम आता है। कल भी अज़मत ने अपने मस्त अंदाज में मंच संचालन किया और किसी भी गायक से ज्यादा मंच संचालन के माध्यम से तालियां लूटी। 

About Manoj Bhardwaj

Manoj Bhardwaj
मनोज भारद्धाज एक स्वतंत्र पत्रकार है ,जो समाचार, राजनीति, और विचार-शील लेखन के क्षेत्र में काम कर रहे है । इनका उद्देश्य समाज को जागरूक करना है और उन्हें उत्कृष्टता, सत्य, और न्याय के साथ जोड़ना है। इनकी विशेषज्ञता समाचार और राजनीति के क्षेत्र में है |

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