श्री मा शाकंभरी सेवा मंडल ट्रस्ट द्वारा जन-जन की आस्था शक्ति आराधना का केंद्र शहर के दक्षिण दिशा में स्थित स्वरूपली डूंगरी पर विराजित श्री मां शाकंभरी मंदिर में चैत्र नवरात्र महोत्सव का भव्य आयोजन 30 मार्च रविवार से आगाज होगा।

चैत्र नवरात्र महोत्सव के अंतर्गत 30 मार्च रविवार को मध्यान्ह अभिजीत मुहूर्त 12:15 बजे वैदिक मंत्रों द्वारा मैया जी के घट स्थापना की जाएगी
मां के भक्तों एवं उपस्थित यजमान द्वारा घट स्थापना के पश्चात मैया जी की दिव्य ज्योत प्रज्वलित की जाएगी। दिव्यजोत के पश्चात मैया जी की महा आरती होगी महा आरती के बाद विद्वान पंडितों द्वारा मैया जी के चरणों में सस्वर दुर्गा सप्तशती के पाठ का पठन होगा। जैसा की विदित है कि श्री मां शाकंभरी का दिव्य श्रृंगार इस महोत्सव के प्रत्येक दिवस को काफी मनमोहक होता है जिससे मैया जी की छवि देखते ही बनती है व मैया जी के दिव्य दर्शन होते हैं।
देवी भागवत में भी वर्णित श्री मां शाकंभरी की महिमा का गूणगान किया गया है कि यह मैया शुद्ध सात्विक एवं शाक की देवी है जिसके कारण से मैया जी को 9 दिवस में शुद्ध सात्विक प्रसाद चढ़ाया जाता है तथा प्रसाद में भक्त जनों का विशेष रूप से ध्यान दिया जाता है कि भक्तों द्वारा नवरात्रि के व्रत में उनका कोई व्यवधान नहीं पहुंचे इस बात का पूर्णतया ध्यान रखा जाता है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि नवरात्र में पूर्ण मनोयोग द्वारा की गई प्रार्थना को मां स्वीकार करती है तथा मनोवांछित फल देने वाली धात्री है ।इस कारण चैत्र तथा अश्विन नवरात्रों में आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से भक्तों एवं श्रद्धालुओं की टोलिया डीजे के साथ तथा माताजी के जयकारे लगाते हुए श्री मां के चरणों में शीश झुकाने एवं प्रसाद चढ़ाने के लिए मैया के दरबार में पहुंचते हैं।

मैया जी भी सभी भक्तों की इच्छा पूर्ण करती है मनोवांछित प्रार्थना पूर्ण होने पर भक्त जनों द्वारा नवरात्रि में जात जड़ूला और स्वामणी का भी आयोजन करते हैं। ग्रामीण अंचलों से भी धूमधाम से डीजे की स्वर लहरियों के साथ मैया जी के जयकारे करते हुए भक्तजन मैया के दरबार में दर्शन के लिए आते हैं ।मंदिर की सजावट रंग-बिरंगे बल्बो द्वारा विद्युत सजावट की गई है। भक्त जनों को किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो इसका पूर्ण रूप से व्यवस्था की गई है।
नौ दिवसीय नवरात्रि के अंतर्गत प्रातः कालीन जोत का समय 8:15 बजे रखा गया है तथा संध्याकालीन महा आरती 7:15 बजे की जाती है।
संध्याकालीन आरती में तो मैया के मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ जाती है तथा दूर-दूर से यात्री मैया के दर्शन और आरती दर्शन के लिए आते हैं तथा मैया जी के दर्शन करके मन्नत मांगते हैं। नवरात्रि के दौरान मध्यान के समय में शहर की विभिन्न महिला संगठनों द्वारा मैया जी के चरणों में भक्तों द्वारा भजनों द्वारा यश गान किया जाता है तथा प्रसाद वितरण किया जाता है।
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