
जोश से लबरेज युवाओं के चेहरे ना सिर्फ युवा बल्कि वृद्ध, बच्चे यहां तक की महिलाएं भी दोस्तों यह नजारा है उस शोभायात्रा का जो आज के दिन निकाली गई। भारत के लगभग सभी शहरों में हनुमान जयंती पूरे जोशो खरोश के साथ मनाई जाती है। दोस्तों इसमें कोई शक नहीं है कि भारतीय युवक यदि देवताओं में किसी को अपना आदर्श मानता है,तो वह है प्रभु श्री हनुमान यदि सबसे ज्यादा मंदिर है तो प्रभु श्री हनुमान के हर वर्ष चैत्र मास की पूर्णिमा को हनुमान जयंती मनाई जाती है।
इसी तरह आज भी हनुमान जयंती पूरे जोशो खरोश के साथ कुचामन सिटी में मनाई गई। लिजिए दोस्तों जुलूस की झलकियां। कार्यक्रम के साथ-साथ देखते हैं प्रभु श्री हनुमान के जीवन से जुड़ी कुछ कंट्रोवर्सीज यानि मतांतर। तभी दोस्तों हनुमान जी के साथ कई कंट्रोवर्सीज जुड़ी हुई है मसलन हनुमान जयंती की तिथि क्या है,हनुमान जी केसरी पुत्र हैं या पवन पुत्र। कई जगह पर हनुमान जी को शंकर सुवन कहा जाता है और अभी थोड़े दिन पहले ही स्वामी श्री रामभद्राचार्य ने शंकर स्वयं कहा है।

पिछले 10 सालों से यह फैलाया गया की हनुमान जयंती कहां जाए या हनुमान जन्मोत्सव, दोस्तों इन सब बातों पर आने से पहले एक बार फिर शोभायात्रा की बात दोस्तों शोभा यात्रा शुरू हुई कुचामन सिटी के डूंगरी वाले बालाजी मंदिर से,अग्रिम पंक्ति मे घोड़े पर सवार युवक हाथ में ध्वजा, सजी सगाई झांकियां, डीजे की धुन पर नाचते युवक, बेंड की स्वर लहरिया और अंत में प्रभु श्री हनुमान जी की झांकी।आगे बढ़े इससे पहले पुनः आते हैं हनुमान जी से जुड़ी कंट्रोवर्सी पर।
विभिन्न क्षेत्रों में हनुमान जयंती अलग-अलग तिथियां पर मनाई जाती है इसका मुख्य कारण अलग-अलग पंचांगों( चंद्र और सूर्य )और क्षेत्रीय परंपराओं पर आधारित है। मसलन उत्तर भारत में चैत्र मास की पूर्णिमा को हनुमान जयंती मनाई जाती है यह तिथि तुलसीदास जी द्वारा लिखित रामचरितमानस की परंपरा और वैष्णव भाव से मनाई जाती है।

वही दक्षिण भारत में इस माह इसे माघ मास की पोष मास की या कार्तिक मास में मनाया जाता है। वहां इन तिथियों पर हनुमान जी का जन्म माना जाता है।
दूसरा कारण धार्मिक मतांतर, शैव सम्प्रदाय से जुड़े लोग मानते हैं कि हनुमान शिव के अवतार हैं। इसलिए शिव तत्व की विशेष तिथियों पर ही हनुमान जी की जयंती मनाते हैं।
वही वैष्णव परंपरा में श्री राम भक्त के रूप में हनुमान जी का जन्म को स्वीकार किया जाता है। जो कि रामनवमी के कुछ दिनों बाद आती है। पुनः आगे बढ़ने से पहले आते हैं जुलूस पर दोस्तों हनुमान जयंती की शोभायात्रा डूंगरी वाले बालाजी के मंदिर से शुरू होकर पुराने बस स्टैंड,पलटन गेट,पुरानी धान मंडी, घाटी कुआं,नया शहर, सीकर स्टैंड, सेवा समिति की गली, महेश्वरी भवन के सामने से निकलकर स्टेशन रोड से होती हुई पुनः डूंगरी वाले बालाजी पहुंच कर महा आरती के साथ समाप्त हुई।
दोस्तों अगला मतांतर है हनुमान जी केसरी नंदन या पवन पुत्र।

केसरी हनुमान जी के जैविक पिता है केसरी वानर कुल के एक पराक्रमी योद्धा थे उनकी पत्नी का नाम अंजना था और हनुमान उनके पुत्र थे। तो हनुमान जी को केसरी नंदन कहा जाता है। वहीं पवन पुत्र भी हनुमानजी को कहा जाता है।
कहा जाता है कि अंजना ने शिवजी की कठोर तपस्या की थी तो प्रसन्न होकर भगवान शिव ने अपना अंश पवन देव के माध्यम से अंजना के गर्भ में स्थापित करवा दिया था। अतः हनुमान जी को पवन पुत्र भी कहा जाता है। अर्थात हनुमान जी केसरी और अंजना के पुत्र हैं लेकिन उनका दिव्य प्राकटय वायुदेव की कृपा से हुआ है ऐसे में दोनों ही के पुत्र माने जाते हैं।और दोनों ही रूपों में पूजे जाते हैं।

पुनःशोभायात्रा की और दोस्तों शोभायात्रा के मुख्य आकर्षण अघोरी नृत्य, बेग पाईप बैंड,ढोल और काफी झांकियां थीं।इनमें से प्रभु श्री राम की झांकी, सांवरिया सेठ की झांकी, प्रभु श्री हनुमान का विशाल स्वरूप आदि। लीजिए देखते है बैग पाइप बैंड की कुछ झलकियां।
आगे दूसरा मतांतर दोस्तों शंकर सुवन या शंकर स्वयं।प्रभु हनुमान भगवान शंकर के अंशा अवतार हैं। यानी शिव के अंश से उत्पन्न और शंकर स्वयं तो प्रभु श्री हनुमान स्वयं शंकर नहीं है बल्कि भगवान शंकर के अंशा अवतार है। हनुमान को शंकर सुवन ही कहा जाएगा।
हनुमान जयंती या जन्मोत्सव अगला मतांतर इस संबंध में है दोस्तों हनुमान जयंती या जन्मोत्सव यह दोनों ही शब्द हनुमान जी के जन्मदिवस को सूचित करते हैं पिछले 10 सालों से यह बात कही फैलाई गई की हनुमान जी के जन्म दिवस को जयंती नहीं कहा जाकर जन्मोत्सव कहा जाए क्योंकि प्रभु श्री हनुमान चिरंजीवी है। दोस्तों जयंती शब्द संस्कृत से लिया गया है जिसका शाब्दिक अर्थ है विजय का दिन या जन्म का दिन अर्थात जब किसी दिव्य आत्मा या अवतारी पुरुष का जन्म होता है तो उसे दिन को जयंती कहा जाता है। जैसे बाबा रामदेव जयंती, तेजा जयंती,कबीर जयंती,मीरा जयंती आदि।

वही जन्मोत्सव शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है जन्म +उत्सव अर्थात जन्म का उत्सव यह शब्द किसी के जन्मदिन या जन्म के अवसर पर होने वाले हर्षोल्लास और उत्सव को दर्शाता है।यह दोनों ही शब्द हनुमान जी के जन्म को दर्शाते हैं हनुमान जयंती अधिक शास्त्रीय और पारंपरिक है।जबकि जन्मोत्सव अधिक भावनात्मक और लोकप्रिय अभिव्यक्ति है।दोनों के भाव एक ही है। भक्ति श्रद्धा और उत्सव।
तो लिए दोस्तों बढ़ते है शोभा यात्रा की ओर दोस्तों शहर के कई जगह पर स्वागत द्वार सजाए गए वहीं ढेरों स्थानों पर पुष्प वर्षा,श्रद्धालुओं के लिए शीतल पेय आदि की व्यवस्था विभिन्न संगठनों द्वारा की गई। इसी क्रम में पलटन गेट पर स्थित जैन स्कूल के सामने जैन समाज द्वारा पुष्प वर्षा की गई।सबकी सेवा सबको प्यार जीवो ओर जीने दो के उदेश्यो वाली संस्था महावीर इंटरनेशनल परिवार कुचामन सिटी द्वारा पलटन गेट स्थित जैन स्कूल के बाहर पुष्प वर्षा कर सभी हनुमान भक्तों को शरबत पिलाकर का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संयोजन महावीर इनटरनेशनल युवा विंग द्वारा किया गया। इस अवसर पर संस्था अध्यक्ष वीर रामावतार गोयल, युवा अध्यक्ष वीर आनन्द आशा सेठी, सचिव वीर विकास नीतू पाटनी, कोषाध्यक्ष वीर पारस नेहा पहाड़िया,वीर आशीष दीप्ति झांझरी, वीर अभिषेक रीना पाटनी,वीर अमित,वीरा कल्पना, वीरा मनीषा पहाड़िया, वीर शुभम वीर नमन, वीर प्रदीप काला, वीर राहुल झांझरी, वीर अशोक अजमेरा, वीर तेजकुमार बड़जात्या, वीर सुरेश गंगवाल, वीर संम्पत बगड़िया,वीरा सुनिता गगवांल उपस्थित रहे। डुगरी बालाजी मंदिर कमेटी के अध्यक्ष पवन बंसल का वीर अशोक अजमेरा द्वारा तिलक किया गया एवं वीर रामावतार गोयल एवं वीर आनन्द सेठी द्वारा साफा एवं दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया गया

वही नया शहर गेट के बाहर भी नया शहर नवयुवक मंडल द्वारा शीतल केरी के पानी की व्यवस्था की गई। यहां मुख्यतः युवराज पाराशर,मनीष श्रॉफ,विशाल पाराशर,संजय बांसा वाला,जुगल श्रॉफ, विकास पाराशर,गिरिराज शर्मा, रुपेश सोनी,वयोवृद्ध श्याम मोर आदि ने सेवाएं दी।विशेष बात यह है कि यह सभी क्विक न्यूज़ से जुड़े हुए बड़े नाम है।
दोस्तों इसके बाद शोभायात्रा वहां से निकली सीकर स्टैंड होती हुई सेवा समिति की गली से निकलकर न्यू महेश्वरी भवन होती हुई स्टेशन रोड से पुनः डूंगरी वाले बालाजी पर पहुंची और वहां पर महा आरती का आयोजन किया गया। उसके बाद सभी को प्रसाद वितरण के बाद शोभायात्रा का समापन हुआ। आज रात्रि को स्थानीय नली वाले बालाजी में विशाल जागरण का आयोजन भी किया गया है।उसकी झलकियां कल आपके सामने क्विक न्यूज़ पेश करेगा तो धन्यवाद दोस्तों आभार शुक्रिया