सबसे पहले धन्यवाद उन दर्शक मित्रों का जो हर बार क्विक न्यूज़ में अपना विश्वास जताते हैं। बहरहाल चार-पांच दिनों से कुचामन शहर में एक अजीब सी केसली बदबू जैसे किसी जानवर को जलाया जा रहा हो। शहर का हर आदमी इस दुर्गन्ध परेशान। जैसे ही शाम कों अंधेरा होता रात का धुंधल्का गहराने होने लगता वैसे ही बदबू आने लग जाती और पूरे शहर में फ़ैल जाती है। शहर का हर आदमी इस दुर्गंध से परेशान था।

अब परसों यानि बुधवार 30 तारीख रात्रि को संजय वैष्णव (जो कि कुचामन गैस एजेंसी के पास चाय की दुकान चलाते हैं)। 11:00 बजे संजय का फोन हमारे पास आया और उन्होंने बदबू का जिक्र किया। अब संजय की बात सुनकर हमने इस बदबू का पता लगाने की ठानी। लेकिन रात्रि काल में अकेला जाने से परिवार ने मना कर दिया। फिर भी जिद करके हम अकेले ही निकल लिए। अब यह तो पता लग गया की बदबू कुचामन नगर परिषद के सामने वाली रिंग रोड के पास स्थित डंपिंग यार्ड से आ रही है। लेकिन कहां से आ रही है पता नहीं लग पाया क्यों की यार्ड काफी लंबे चौड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ है। तो हम लौटकर घर आ गए।

दाद देनी होगी कुचामन के ही साहसी युवा विकास कालेर की जिन्होंने उस जगह की खोज की जहां से यह बदबू उठ रही थी। दोस्तों कल दोपहर विकास का फोन आया मुझे उस बदबू का राज खोलते हुए विकास ने मुझसे मिलने का बोला। दोस्तों मैं तुरंत विकास के पास पहुंचा। विकास ने बताया कि बुधवार 30 अप्रैल को वह अपने दो साथियों के साथ उस डंपिंग यार्ड में इस दुर्गंध का पता लगाने के लिए गए थे।

मुख्य सड़क से लगभग एक किलोमीटर अंदर तक गए वहां डंपिंग यार्ड के कचरे में पता नहीं क्या-क्या था। उसे कचरे में आग लगी हुई मिली। दोस्तों लेकिन आग इतनी धीमी थी कि उसे देर से दूर से देखा नहीं जा सकता। सिर्फ धुआँ ही धुआँ निकल रहा था। देखीए विकास कालेर द्वारा खींची गई फोटो जो उन्होंने 30 तारीख की रात को वहां पर खींची थी। इसके बाद विकास वहां से फायर ब्रिगेड पहुंचे फाइल ब्रिगेड को बुलाकर इस आग कों बुझवाया।

सेल्यूट है विकास कालेर के साहस को जो रात के 12:00 बजे इस दुर्गंध की जड़ तक सुनसान क्षेत्र में जाकर आए। बहरहाल हमने कल रात फिर उसी स्थान पर जाने का निश्चय किया। और कल रात लगभग 8:00 बजे जैसे ही दुर्गन्ध उठाना शुरू हुआ हमने विकास कालेर , नंदू कुमावत, संजय वैष्णव, राहुल सोनी, विष्णु अग्रवाल, श्री रमेश कुमार, राजकुमार सोनी, चंदू कुमावत और काफी युवाओं को साथ लिया और डंपिंग यार्ड की ओर चल पड़े।

मुख्य सड़क से लगभग डेढ़ किलोमीटर अंदर जाने के बाद वह आग दिखाई दी। आप अपनी पूरी स्क्रीन पर देखिये यह आग और साथ ही विकास कालेर, संजय वैष्णव और फायर मेन सीताराम जी से हुई बातचीत। वहीं कुचामन के प्रमुख व्यवसायी हौंडा शोरूम के मालिक श्री रमेश रुलानिया भी अपनी टीम के साथ पहुंच गए। और उन्होंने ही वहाँ पर पुलिस टीम कों भी बुला लिया। वहीं फायर ब्रिग्रेड कों भी बुलाया गया।

थाने से भी वहां पर टीम आ गई और उन्होंने भी इस पर गंभीरता से जांच की। दोस्तों इस बदबू से पुलिस स्टाफ भी पूरी तरह से परेशान था तो पुलिस स्टाफ ने भी पूरा काम गंभीरता से किया।
अब सवाल यहां यह उठता है कि जब कुचामन में डंपिंग ट्रीटमेंट प्लांट लगा हुआ है। तो किलोमीटर से भी ज्यादा फैला हुआ कचरा इकट्ठा क्यों हो रहा है। इसका निस्तारण क्यों नहीं हो पा रहा है। प्रशासन इस पर ध्यान क्यों नहीं दे रहा है। क्योंकि इतनी तेज़ दुर्गन्ध जिम्मेदार अधिकारियो कों भी तो आती होंगी। उन्होंने इस पर आवश्यक कदम क्यों नहीं उठाया। उस कचरे में हमेशा रात को आग कौन लगता है। और सबसे बड़ी बात यह है कि यदि इसी रफ्तार से कचरा इकट्ठा होता रहा। तो क्या एक दिन कुचामन कचरे के ढेर में तब्दील नहीं हो जाएगा।

अब इसे प्रशासन की लापरवाही नहीं तो और क्या कहा जाए। वही एक समाचार और प्राप्त हो रहा है कि कल रात कुचामन सिटी के मोक्ष धाम में भी बहुत-बहुत तेज आग लग गई। आप खुद देखी अपनी पूरी स्क्रीन पर आग कितनी भयानक थी। और वहीं पर फायर ब्रिगेड को बुलाकर आग को बुझवाया गया।