Saturday , 15 March 2025

किशोरे दा :नाम ही काफी हे

मध्य प्रदेश का खंडवा नगर प्र्सिद्ध  वकील श्री कुंजी लाल गांगुली के घर पर 4 अगस्त २०२९ को एक बालक ने जन्म लिया नाम रखा गया प्रभास गांगुली बचपन से ही भोला भला लेकिन बहुत शरारती दो बड़े भाई अशोक कुमार और अनूप कुमार अशोक कुमार हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में बहुत पहुचा हुआ नाम वह कौनसे कारक थे जिन्होंने एक कस्बाई युवक को भारतीय सिने संगीत के  जगत में एक चमकता हुआ सितारा बना दिया l

पिता कुंजी लाल भुत ही मजाकिया किस्म आदमी और माँ गोरा देवी अत्यंत धार्मिक और घरेलू किस्म की महिला बड़े भाई अशोक कुमार की फिल्मे देखकर बालक किशोर के मन पर फ़िल्मी दुनिया के संगीत और तहजीब का प्रभाव पीडीए ,कहते हे की बालक किशिर बचपन में बहुत बेसुरे थे एक बार किसी शरारत की वजह से माँ क हाथो पिटाई हो गई बालक  किशोर पूरी रात रोते रहे और रोने के कारण किशोर की आवाज़ मधुर हो गई l

एक बार फिल्म समीक्षक विनोद तिवारी के पूछने पर उन्होंने बताया  मुंबई में मुझे सब कुछ मिला सिवा चेन के खंडवा में मेरे गरीब ही सही पर दिल के सच्चे यार दोस्त तो हे सोचता हु , में कोई मशहूर आदमी ना होकर खंडवा में एक स्कुल टीचर होता तो कितना अच्छा होता l बहुआयामी और ह्र्फंमोला कलाकार के रूप में किशोर दा भुत ही समवेदन शील व्यक्ति थे महान गायक , समवेदन शील कलाकार गीतकार शानदार निर्देशक यह सब कुछ उनका स्वाभाविक और निजी शास्त्र था कुछ ऐसा अंदाज़ कि उनके चाहने वालो के बीच में ना केवल आकर्षक बल्कि दिलचस्पी भरा हुआ किरदार था किशोर दा का उनकी यूडलिंग  कला जो की बाद में किशोर दा की पहचान बन गई मस्त मोला किशोर दा रोजमर्रा के जीवन में मुस्कुराने और मुस्कुराहट बाटने की कला को बखूबी जानते थे l

उनके  लिए हर शख्स एक किस्सा और हर शहर एक अफसाना था क्रिश्चियन कोलेज इनडोर में इंटर मिडीयट में फेल किशोर ने  जीवन की पाठशाला में डाक्टरेट हासिल कर ली थी खंडवा की धुल  से भरी त्वचा पर महानगर का कोई रंग नही चढ़ा था तब हीतो गीत जय जय शिव शंकर कांता लागे ना कंकर गाते गाते गीत के आखिर में किशोर स्वत : ही बोल पड़े पूरे पचास हजार दिए हे भाई गाओ भाई गाओ l और गाना सुपर हित हो गया l

किशोर अपने गायन में उस परा  तत्व को छूने की संजीदा कोशिश करते हे ,जिसे सादगी अदायगी और पारदर्शिता   जेसे नाम दिए जाते हे l

 

About Manoj Bhardwaj

Manoj Bhardwaj
मनोज भारद्धाज एक स्वतंत्र पत्रकार है ,जो समाचार, राजनीति, और विचार-शील लेखन के क्षेत्र में काम कर रहे है । इनका उद्देश्य समाज को जागरूक करना है और उन्हें उत्कृष्टता, सत्य, और न्याय के साथ जोड़ना है। इनकी विशेषज्ञता समाचार और राजनीति के क्षेत्र में है |

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