दोस्तों क्विक न्यूज़ जब अपने अस्तित्व में आया तो हमने क्विक न्यूज़ के लिए कुछ मानक निर्धारित किए, क्विक न्यूज़ के कुछ उद्देश्य निर्धारित किये। दरअसल जहां न्यूज़ चैनलों की ओर से और न्यूज पोर्टल्स की एक तरह से बाढ की आ रही है। हम चाहते हैं कि दर्शकों को कुछ ऐसा मिले जो दूसरे न्यूज़ पोर्टल पर नहीं है तो दोस्तों हमारे उद्देश्य इस प्रकार है।
- त्वरित न्यूज़ :-दोस्तों हमारी कोशिश यह रहती है कि हम किसी भी घटना के समाचार को सबसे पहले आप तक पहुंचाऐ साथ ही उस घटना की सच्चाई पर भी ध्यान दें किसी तरह की फेक न्यूज़ को प्रसारित करना हमारे सिद्धांतों के खिलाफ है। बल्कि हम यह चाहते हैं कि फेक न्यूज़ की सच्चाई आप तक पहुंच सके।
- तटस्थता :-हमारी हमेशा कोशिश रहती है कि हम किसी भी समाचार में पक्षपातपूर्ण रवैया बिल्कुल भी ना अपनाया हमारा मानना यह है कि किसी भी घटना के संबंधित कोई भी पक्ष हमारा नहीं है,और सभी पक्ष हमारे हैं।
- धार्मिक उन्माद फैलाने वाली खबरों से परहेज:- दोस्तों भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। हमारे संविधान के अनुसार सभी धर्मों का सम्मान समान रूप से किया जाना चाहिए। इसी भावना का सम्मान करते हुए हमारी कोशिश रहती है हमारे चैनल पर सभी धर्म का सम्मान समान रूप से हो।धार्मिक उन्माद फैलाने वाली खबरें हमारे चैनल पर कोई स्थान नहीं रखती है।दोस्तों हम यह चाहते हैं कि हमारे यहां पर किसी भी तरह का धार्मिक उन्माद नहीं फैलाया जाए।
- सत्ता से सवाल:- दोस्तों एक पत्रकार का मूल कर्तव्य होता है कि वह सत्ता की आंखों में आंखें डालकर उसकी कमियों पर सवाल उठाए। अब चुंकि पत्रकारिता का सिद्धांत भी यही है। तो दोस्तों क्विक न्यूज़ कभी भी सत्ता से सवाल करने से अपने कदम पीछे नहीं हटाता है साथ ही पीड़ित का सहारा बनने की पूरी कोशिश करता है क्विक न्यूज़।
- खबर की तह तक जाकर सच्चाई जानना:- दोस्तों क्विक न्यूज़ चाहता है कि किसी भी खबर को सच्चे रूप में अपने दर्शको तक पहुंचाएं आप सभी जानते हैं कि सोशल मीडिया के जमाने में कई तरह की फेक़ न्यूज़ फैलाकर दर्शकों को गुमराह किया जाता है,क्विक न्यूज़ खबर की तहतक जाकर अपने दर्शकों को सच्चाई पहुंचाएं यही हमारी कोशिश रहती है,ताकि माहौल में किसी तरह की गलतफहमियां नहीं फैले।
इसी संदर्भ में काफ़ी समय से सोशल मीडिया के जरिए एक झूठ फैलाया जा रहा है हमने उसकी तह तक जाने की कोशिश की ताकि आप असलियत जान सके और सभी इस खबर की असलियत से रूबरू हो सके।
दोस्तों बात 1966 की है खबर यह फैलाई गई थी कि इंदिरा गांधी के आदेश पर गोली कांड हुआ और कई साधु मारे गए, इस घटना से क्षुब्ध होकर कलपात्री जी महाराज ने इंदिरा जी को श्राप दे दिया कि उनका राजनीतिक दल और उनका खानदान गोपाष्टमी के दिन समाप्त हो जाएगा,चलिए दोस्तों खबर की तह तक चलते हैं।
दोस्तों 1966मे जनवरी की 11 तारीख को प्रधानमंत्री शास्त्री जी की मृत्यु हुई।दोस्तों नेहरू जी के बाद जब शास्त्री जी प्रधानमंत्री बने तब मोरारजी देसाई की महत्वाकांक्षा प्रधानमंत्री पद को लेकर थी लेकिन उसे वक्त चूक गए।लेकिन शास्त्री जी के बाद मोरारजी किसी भी तरह की चूक करने के मूड में नहीं थे, गद्दी पर उनका दावा पक्का था
दोस्तों उसे समय कामराज नाम के एक बड़े नेता हुआ करते थे।यही कामराज मोरारजी देसाई की राह में रोड़ा बन गए और इंदिरा जी को सामने लाकर खड़ा कर दिया गुलजारीलाल नंदा भी दौड़ में थे लेकिन वह हट गए तो मुकाबला सीधा आमने-सामने का हो गया 10 दिनों की कश म कश वाली राजनीति के बाद वोटिंग हुई।
कुल 361 सांसदों ने वोट डाले उनमें से 205 मत इंदिरा जी को मिले और 156 मत मोरारजी को मिले। जीत इंदिरा जी की हुई और सत्ता कामराज की होगई।दोस्तों उस समय यह सरकार कमजोर थी और ताकत के संघर्ष का समय था वही राजमाता सिंधिया और इंदिरा जी के बीच में भी संघर्ष स्पष्ट था।राजमाता देसाई ग्रुप की थी और मध्य प्रदेश से कांग्रेस की संसद थी।
राजमाता अपने प्रदेश में अपना वजन चाहती थी,लेकिन वहां के मुख्यमंत्री डीपी मिश्रा उनकी चलने नहीं देते थे। इसी पेशोपेश में नवंबर आ गया 4 माह बाद चुनाव थे।
क्योंकि राजमाता कांग्रेस के विरुद्ध थी,तो जनसंघ जो की बिल्कुल कमजोर पड़ चुका था,उसमें जान आने लगी थी दोस्तों ग्वालियर जनसंघ की नर्सरी रहा है, राजा जीवाजी राव कट्टर संघी थे,नेहरू जी ने उन्हें कांग्रेस मे बुलावा भेजा था, लेकिन वह खुद नहीं गए और राजमाता को भेज दिया,अब ज़ब क्योंकि नेहरू जी भी नहीं रहे और जीवाजी राव भी नहीं रहे तो राजमाता पाला बदलना चाहती थी।
दोस्तों उसे समय एक बहुत बड़े संत थे कलपात्री जी महाराज,नेहरू जी के समय से ही गोकशी के कानून के लिए संघर्षरत थे। अन्ना हजारे की तर्ज़ पर कलपात्री जी महाराज के नेतृत्व में आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई.।ग्वालियर से बसों में भरकर कार्यकर्ता दिल्ली गए अब क्योंकि संसद में चुनाव होने थे तो चुनाव के तीन माह पहले आंदोलन के लिए उपयुक्त समय था।
संसद के अंदर सत्र चल रहा था।पार्लियामेंट का बिल्कुल शांतिपूर्ण ढंग से घेराव हुआ। कलपात्री जी महाराज की टीम के एक साधु स्वामी रामेश्वरांनंद ने भीड़ को कहा कि कानून जब तक न बने सांसदों को संसद से निकलने नहीं देना है। परिणाम निकल रहे सांसदों पर भीड़ में हमला कर दिया के बचकर भागे कुछ भीड़ संसद की तरफ बड़ी और कुछ मंत्रियों के बंगलो की तरफ। कामराज के बंगले पर अटैक हुआ राज्य मंत्री रघुरमैया के बंगले को आग लगा दी गई।
भीड़ में ऐलान कर दिया कि वह सांसदों को बाहर नहीं निकलने देंगे आसपास ट्रको,बसों और गाड़ियों को रोककर तोड़फोड़ की गई आगजनी हुई,सरेआम त्रिशूल और तलवारे लहराई गई थी।सेना को अलर्ट किया गया लेकिन मामला पुलिस ने संभाल लिया।
लाठी चार्ज हुआ,गोली चली,सात लोग मारे गए 19 पुलिस वालों सहित 40 जने घायल हुए। भीड़ तीतर बितर हो गई।सब भाग निकले शाम तक लगभग डेढ़ हजार लोग गिरफ्तार हुए। जिनमें जनसंघ,आर्य समाज और सनातन धर्म सभा नामक संगठनों के लोग थे।और उनके नेता कलपात्री जी महाराज भी गिरफ्तार हुए।
अब संसद की सुरक्षा का मामला था तो गुलजारीलाल नंदा ने इस्तीफा दे दिया।व्हाई वी चव्हान ने गृह मंत्रालय संभाला। नंदा का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ था तो वे वापस पद पर आ गए।
दोस्तों 1966 की नवंबर में इंदिरा कोई चुनी हुई नेता नहीं थी। सब जानते हैं कि चुनाव 1962 के बाद 1967 में हुए थे यह सारी जानकारी गूगल पर उपलब्ध है।
अब दोस्तों व्हाट्सएप ज्ञान कहता है की” गोली कांड के बाद हजारों साधुओं की लाश को देखकर कलपात्री जी महाराज ने इंदिरा को श्राप दिया कि गोपष्टमी की दिन उनका वंश खत्म हो जाएगा। “ इस तरह राजीव और संजय की मृत्यु गोपाष्हुटमी को हुई थी,दोस्तों राजीव की मृत्यु 21 मई को हुई थी और संजय गांधी की मृत्यु 23 जून को हुई थी।और गोपाष्टमी अक्टूबर या नवंबर में आती है इस वर्ष भी 9 नवंबर को आने वाली है।
दोस्तों हमने तथ्यों के आधार पर इस खबर की तह तक जाने की कोशिश की है। और व्हाट्सएप पर जो झूठ परोसा जा रहा है उसकी सच्चाई को जानने की कोशिश की है। आप भी पढ़िए और व्हाट्सएप पर आई खबरों पर विश्वास करने से पूर्व एक बार किसी भी समाचार के लिए तहकी कात अवश्य कीजिए गूगल पर सारी जानकारी उपलब्ध है।
दोस्तों इस लेख को लिखने की प्रेरणा हमें श्री मनीष सिंह (जो कि ट्विटर पर उपलब्ध है) उनसे मिली है साथ ही हमने उनके लेख को आधार बनाया है।और गूगल पर उपलब्ध जानकारियां हासिल की है इस आधार पर हमने यह लेख लिखा है।