आसमान में बादल देखकर हलक में अटकी किसानो की जान
कुचामन सिटी : इलाके में मौसम का मिजाज तल्ख होने लगा है,तापमान मे भी तेजी से इजाफा हो रहा है मार्च के अंतिम चरण में तेज धूप के बीच पश्चिमी हवाई चलने लगी है खेतो मे सभी फसले पककर तैयार हो गई है,अपने अपने खेतों में फसलों की कटाई में जुटे किसान आसमान में बादलों को देखकर परेशान हो उठे है | खेतों में फसलों की कटाई व उनको सुरक्षित करने में खेत खलिहान तक आपाधापी का माहौल है, फसलों की कटाई जोर-शोर से चल रही है ऐसे में बादलों को देखकर किसानों के माथे पर बल आ गया है| बारिश की आशंका से किसानों की नींद उड़ी हुई है, किसान कटाई के लिए रात दिन खेतों में डेरा जमाए हुए हैं जल्दी से अपने खून पसीने की मेहनत को घर पहुंचने की जुगत में लगे हुए हैं|
इसमें मजदूरों का सहारा भी ले रहे हैं मौसम को देखकर किसानों के होश उड़े हुए हैं ,बारिश से नुकसान की आशंका से किसान चिंतित है, आसमान में बादल छाए हुए हैं इसे किसानों को डर है कि कहीं बारिश ना हो जाए | किसानो की मेहनत पक्की पकाई तैयार फासले खराब ना हो जाए किसान परसाराम जाट, मुन्नाराम महला, झूमरमल बिजारणिया, बिरमाराम बागड़वा, ने बताया कि इलाके में फसलों की कटाई शुरू हो चुकी है |
यदि इस समय बारिश होती है तो फसलों को नुकसान होगा इसके साथ ही दागदार होने से मंडी में किसानों को फसलों के वाजिब दाम भी नहीं मिलेंगे ,किसानों का यह भी कहना है कि अभी तक मौसम ने फसलों का पूरी तरह से साथ दिया है जिससे फसले बेहतर स्थिति में देखी जा रही है इस समय फसलों की कटाई का काम तेजी से चल रहा है ऐसे में मौसम के बदलने से किसान फिर परेशान होने लगे हैं यदि मौसम बदलता है और बारिश होती है तो फसलों को भारी नुकसान होगा |
मौसम बदलने से किसानों की चिंता लाजमी है
किसान परसाराम बुगालिया का कहना है कि किसानों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है किसान परेशान है, बादल छाए रहने की वजह से किसानों की परेशानी बढ़ गई है | मार्च से लेकर अप्रैल माह तक किसान काफी व्यस्त हो जाते हैं इस समय प्रदेश के अधिकांश इलाकों में इन दिनों किसान फसलों की कटाई का काम शुरू कर रखा है मौसम दिनभर करवट बदल रहा है आसमान में बादलों की आवाजाही से कभी बारिश के मौसम जैसा नजारा देखने को मिल रहा है | तो कभी छितराए बादल ऐसे में बादलों की आंख मिचोली का खेल चल रहा है , इस कारण फसलों की कटाई में लगे किसानो की चिंता बढ़ी है वहीं दूसरी तरफ सरसों, चना, जो की कटाई कर चुके किसानों की खेत में पड़ी उपज खराब होने का खतरा भी बढ़ गया है | इस लिहाज से मौसम के बदलने से प्रदेश के किसानों की चिंता बढ़ना लाजमी है इस बीच बागवानी किसानों का एक वर्ग ऐसा भी है जो मौसम की इस गतिविधियों से बेफिक्र है |