कुचामन सिटी में आपसी जमीनी विवाद से बुजुर्ग ने परेशान होकर करवया थाने में मुकदमा दर्ज
अपनी जवानी के समय में हजारो लोगो की मदद करने वाला कई बार हवंन यज्ञ आदि का आयोजन करवाने वाला व्यक्ति यदि अपनी वृद्धावस्था में अपनों द्वारा ही दिए गए धोखे से परेशान हो जाय तो ऐसे में क्या हो | घटना कुचामन की हे सेठ के नाम से मशहूर सीता राम अग्रवाल जमीनों के व्यापारी हे | काफी जमीनों के सौदे इन्होने किये हे लेकिन इन्ही के सगे छोटे भाई और भाई की पत्नी द्वारा इनके साथ धोखा किया गया |


यही नही in लोगो के द्वारा सेठ सीता राम अग्रवाल की जमीनों के दस्तावेज और अन्य सम्पत्ति चुरा कर कुत्रचित दस्तावेज बना कर अन्य लोगो द्वारा कब्जा भी करवा दिया गया |अंत में परेशान होकर बुजुर्ग को न्यायलय की शरण लेनी पड़ी | 9 मई को इन्होने fIR दर्ज करवाई FIR की कोपी आपकी फुल स्क्रीन पर देखिये,क्विक न्यूज़ द्वारा की विस्तृत रिपोर्ट के अनुसार बुजुर्ग को मानसिक रूप से बहुत परेशान होना पड़ रहा हे |

परिवादी सीताराम पुत्र श्री गौरीशंकर जाति अग्रवाल 71 वर्ष निवासी स्टेशन रोड कुचागनसिटी तहसील कुचामन सिटी जिला डीडवाना नम्बर-9887403919 कुचामन राज मोबाईल बनाम अभियुक्तगण – 1. श्यामसुन्दर पुत्र श्री गौरीशंकर जाति अग्रवाल 2. मनीता पत्री श्यामसुन्दर जाति अग्रवाल 3. अभिजीत पुत्र श्यामसुन्दर जाति अग्रवाल निवासीयान स्टेशन रोड कुचामनसिटी तहसील कुचामनसिटी जिला डीडवाना कुचामन राज 4. अनिलसिंह पुत्र थी रेवतसिह जाति राजपूत निवासी बुडसु रोड, कुचामनसिटी 5. महेश कुमार 6. खेताराम इस्तगासा अपराध अन्तर्गत धारा 303(2), 308(2), 338, 336(3), 340(2), 61(2), बी.एन.एम महोदयजी, परिवादी की ओर से इस्तगासा निस्रवत् प्रस्तुत किया |

यह है कि कि परिवादी की मौजा ग्राम पनवाडी के खसरा नम्बर 312 कुल राकबा 5.15 हैक्टेयर भूमि में परिवादी व अन्य सहखातेदारी के साथ 3.12 हेक्टेयर भूमि आई हुई है जिसका परिवादी एकमात्र स्वामी है एवं परिवादी अपने हक हिस्से की भूमि पर काबिज काश्त है। परिवादी की के भूमि के कागजात जिसमे असल रजिस्ट्री दिनांक 08.02.94 खाली स्टाम्प पेपर आदि परिवादी के घर पे रखे रहे हुये थे मुल्जिम श्याम सुन्दर व उसकी औरत मनीता व उसका पुत्र अभिजीत परिवादी की विकलागता उसकी वृद्धा अवस्था का फायदा उठाते हुये रंजिश वश परिवादी को नुकसान पहुंचाने की नियत से परिवादी के घर पर अनाधिकृत रूप से प्रवेश कर अलमारे में रखे जमीन की रजिस्ट्री व खाली स्टाम्प जिनकों मुल्जिमान श्यागसुन्दर व उसकी औरत मनीता व अभिजीत ने चुराकर बदनियति पूर्वक मुल्जिम अनिलसिह पुत्र रेवतसिह जाति राजपूत निवासी बुडसु रोड, कुचामनसिटी वाले को दे दिये एवं मुल्जिम अनिल सिंह, महेश कुमार, खेताराम, श्यामसुन्दर, मनीता व अभिजीत ने एकराय होकर आपाराधिक षडंयच रचकर परिवादी को नुकसान पहुंचाने की नियत से परिवादी के फर्जी हस्ताक्षर कर छल के प्रयोजन से कुटरचित एक इकरारनामा परिवादी की खातेदारीशुदा, खरीदशुदा, कब्जेशुदा खसरा नमबर 312 में स्थित सम्पूर्ण भूमि का इकरारनामा तैयार कर लिया।

2. यह है कि अभियुक्त अनिलसिंह द्वारा वरिष्ठ न्यायालय कुचामनसिटी के समक्ष बाद पत्र पेश किया जिस पर न्यायालय द्वारा परिवादी को आहुत करने पर परिवादी को दिनांक 29-03-2025 को न्यायालय में उपस्थित हुआ तब परिवादी ने इकरारनामा की प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त करने के लिये आवेदन किया एवं परिवादी को प्रमाणित प्रतिलिपि दिनाक 08-04-2025 को प्राप्त साईत प्रतिनिधि प्राप्त करने के लिये आवेदन स्वाक्षरी के बारे में जानकारी हुई तब परिवादी ने अपने मुल्जिम श्यामसुन्दर, मनीता की तो वह लोग बोले की या तो उक्त भूमि में से आधी भूमि हमारे नाम रजिस्ट्री करवाओं अन्यची तुम्हारे स्टाम्प पेपर व असल रजिस्ट्री भूमि माफियों को देकर तुझे तेरे भूमि से बेदखल कर देगे |

एवं स्टाम्प पेपर पर हमने जो इकरार नाम तैयार किया उस आधार पर इस जमीन को अन्य व्यक्ति को बेचान कर देंगे तथा तुझे नुकसान कारित करेंगे। मुल्जिमान एकराय होकर षडयंत्र रचकर परिवादी नुकसान पहुंचाने की नियत से कुटरचित दस्तावेज तैयार किया है। जबकि परिवादी ने कभी भी अनिल सिंह को उपरोक्त भूमि का वैचान बावत कोई इकरारनामा निष्पादित नहीं किया व न ही उक्त बैचान बाबत कोई स्टाम्प परिवादी द्वारा खरीद किया है। 3. यह है कि परिवादी ने एक रिपोर्ट पुलिस थाना कुचामनसिटी को दी लेकिन पुलिस थाना कुचामनसिटी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने पर एक परिवाद जरिये रजिस्टर्ड डाक श्रीमान् पुलिस अधीक्षक महोदय डीडवाना कुचामन को भी जरिये डाक प्रेषित की जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नही होने पर उक्त इस्तगासा श्रीमान् की सेवा में पेश है। यह है कि मुलजिम का उक्त कृत् भारतीय न्याय संहिता की धारा 303(2), 308 (2), 338, 336(3), 340(2), 61(2), बी.एन.एस के तहत दण्डनीय अपर है। 5. यह है कि उक्त कृत्य श्रीमान् के श्रवणाधिकार व क्षेत्राधिकार का है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमान् से निवेदन हैं कि उक्त इस्तगासा को धारा 175 (3) बी.एन.एस.एस में वास्ते अन्वेक्षण हेतू पुलिस थाना कुचामनसिटी में भिजवाये जाने के आदेश प्रदान करावें एव मुल्जिमानों के कब्जे से मूल विक्रय विलेख व स्टाम्प पेपर बरामद कर परिवादी को दिलवाया जावे जिसे मुल्जिमान परिवादी के दस्तावेजों का दुरूपयोग नहीं कर सके।