Wednesday , 19 March 2025

अच्छे मानसून की कामना और खड़ी सप्ताह ,भव्य तीज का मेला

             दोस्तों यही कोई चार-पांच साल पहले एक गाना बहुत चला था,जहां भी जाओ इसी गाने की आवाज सुनाई दे जाती थी।गाना कुछ इस तरह था” बरस बरस मारा इंदर राजा तू बरसिया म्हारो काज सरे “ |

        दोस्तों उस वर्ष बारिश कुछ कम थी, तो कुछ कलाकारों  ने इस गाने को रिकॉर्ड किया और हर तरफ यह गाना बजने लगा संयोग की बात है दोस्तों जैसे ही यह गाना चला अच्छी बारिश भी हो गई। दोस्तों सुनने में तो यहां तक भी आया था कि विदेशी लोग इस बात की जांच करने के लिए आए थे कि भारत के राजस्थान में एक गाने से किस तरह से बरसात हो जाती है। दोस्तों इससे पहले की आगे बड़े लिए सुनते हैं यह गाना।

           दोस्तों राजस्थान की परंपरा रही है कि यहां इस तरह के कई प्रयोग किए जाते हैं इंद्रदेव को मनाने के लिए इनमें से एक प्रयोग काफी पुराने समय से चला रहा है।”तेजा गायन” दोस्तों ग्रामीण क्षेत्रो में लोग अपने चौक में इकट्ठा हो जाते हैं।और सब मिलकर बड़े भावात्मक रूप से तेजा गाते हैं दोस्तों तेजा गायन की एक बानगी देखते हैं।

            दोस्तों राजस्थान एक सांस्कृतिक प्रदेश है यहां की गीत संगीत के परंपरा काफी अच्छी रही है घूमर,मांड, लूर,होली आदि यहां की परंपराऐ रही है।इन्हीं में से एक है तेजा गायन अक्सर ग्रामीण क्षेत्र में आषाढ़ माह में तेजा गायन सुनाई दे जाता है।

           दोस्तों इन्हीं परंपराओं में से एक और परंपरा है खड़ी सप्ताह की दोस्तों आज इसी पर विशेष कार्यक्रम है दोस्तों खड़ी सप्ताह में एक गोल घेरा होता है।बीच में कलाकार और भगवान के प्रतिमा होती है।और लगातार एक सप्ताह तक इस गोल घेरे में भक्त भजन गाते और हरि कीर्तन करते हुए घूमते रहते हैं। दोस्तों जिस तरह गरबा का पंडाल सजाया जाता है ठीक उसी तर्ज़ पर खड़ी सप्ताह का पंडाल भी सजाया जाता है।

         ऐसा ही कार्यक्रम कुचामन के नली वाले बालाजी मंदिर में चल रहा है।दोस्तों 2 अगस्त को इस कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ था और तब से अब तक रात दिन 24 घंटे अनवरत जारी है और शुक्रवार 9 अगस्त को इस कार्यक्रम की पूर्णाहुति होगी।

          पूर्णाहुति में हवन प्रसादी और शोभायात्रा का आयोजन किया जाएगा।दोस्तों बालाजी नवयुवक मंडल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पंडाल सजाया गया है साथ ही प्रतिदिन शाम को विशिष्ट झांकियां भी सजाई जाती है।दोस्तों आयोजक मंडल के संरक्षक श्री चुन्नीलाल जी और भंवरलाल जी कुमावत से क्विक न्यूज़ ने बातचीत की तो पता चला कि यह कार्यक्रम 18 साल से लगातार चल रहा है।

        श्री चुन्नीलाल जी के अनुसार सावन मास में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस खड़ी सप्ताह का आयोजन किया जाता है।आइये दोस्तों सुनते हैं चुन्नीलाल जी की और भंवरलाल जी क्या कहते हैं।

          दोस्तों यह तो बात ही ख़डी सप्ताह की ठीक इसी तर्ज़ पर राजस्थान की विविध परंपराओं में से एक और परंपरा है तीज मेले की। सभी प्रमुख शहरों में तीज मेले का आयोजन किया जाता है लीजिए पहले देखते हैं जयपुर के तीज मेले के कुछ दृश्य।

         इसी प्रकार कुचामन सिटी का तीज मेला भी अपने आप में मायने रखता है हर वर्ष सावन माह अमावस्या के बाद तृतीया पर तीज का आयोजन किया जाता है तीज की सवारी निकाली जाती है जो प्रमुख मार्गो से होते हुए वापस अपने गंतव्य यानी कुचामनगढ़ में समाप्त होती है देखिए वीडियो। दोस्तों आज भी तीज की सवारी धूमधाम से निकाली गई जिसमे सेवा समी के कार्यकर्त्ता और नगर के प्रबुद्ध जन सम्मिलित हुए।

About Manoj Bhardwaj

Manoj Bhardwaj
मनोज भारद्धाज एक स्वतंत्र पत्रकार है ,जो समाचार, राजनीति, और विचार-शील लेखन के क्षेत्र में काम कर रहे है । इनका उद्देश्य समाज को जागरूक करना है और उन्हें उत्कृष्टता, सत्य, और न्याय के साथ जोड़ना है। इनकी विशेषज्ञता समाचार और राजनीति के क्षेत्र में है |

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