तूं ही बता ऐ कान्हा ——————– कभी खिलखिलाते थे हम तेरे पास आने से क्यों आज उदास है हम तेरे चले जाने से. ये वृन्दावन की कुन्ज-गलियां जहां चहुंओर खुशियां नाचा करती थी हर चीज, हर आलम में जहां मधुवाणी गूंजा करती थी क्यों आज उदास है,,,? जबकि केवल एक तूं ही तो नहीं हमारे पास है सब-कुछ पहले जैसा …
Read More »