
पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीनियर कांग्रेस लीडर स्वर्गीय सुश्री डॉ गिरिजा व्यास एक ऐसी लीडर,एक ऐसी नेत्री जिनका पूरा कार्यकाल कभी भी विवादित नहीं रहा। कुछ एक नेता ही हुए हैं जो शत प्रतिशत अविवादित रहे हैं। उनमें से एक थी सुश्री डॉक्टर गिरिजा व्यास। आइये उनके जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं को छूते हैं।
डॉ गिरिजा व्यास नाथद्वारा की ही रहने वाली थी। पिताजी श्री कृष्ण शर्मा (स्वतन्त्रता सेनानी ) उस समय अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में व्यस्त थे।गांधी जी के आव्हान पर जेल जाना उनका हमेशा का ही नियम था। उसी समय में पंडित गौरीशंकर शुक्ला जो कि उनके स्वजातीय एवं रिश्तेदार तथा नाथद्वारा में ही अध्यापन करवाते थे। स्वर्गीय पंडित गौरी शंकर शुक्ला स्वयं गांधी के विचारों से प्रभावित थे। और श्री कृष्ण कुमार जी व्यास के परिवार को स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्होंने ही संभाला था। दरअसल स्वर्गीय श्री कृष्ण कुमार जी व्यास के परिवार में उनकी धर्मपत्नी के अतिरिक्त चार पुत्रीया और एक पुत्र थे। चार पुत्रीयों में सबसे छोटी पुत्री थी डॉक्टर गिरिजा व्यास और उनसे छोटे एक पुत्र श्री गोपाल कृष्ण व्यास जी की वर्तमान में उदयपुर नाथद्वारा क्षेत्र में गोप जी के नाम से प्रसिद्ध है।और स्वयं लगभग 18 वर्ष से राजनीती में सक्रिय हे | श्री गोप जी आठ वर्ष तक उदयपुर जिला शहर कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हे और वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस कमेठी के महा मंत्री हे |

उपरोक्त फोटो एक विशेष फोटो हे जो की मेरे चाचा की शादी की हे दरअसल डॉ गिरिजा व्यास की सगी भांजी श्रीमती रानी जोशी मेरी सगी चाची हे और ओसमे जो गोले में दिखाई दे रहे हे ये हे स्व.डॉ. गिरिजा व्यास के पिता जी स्वतन्त्रता सेनानी स्व. श्री कृष्ण जी शर्मा हे और यह डांस में कर रहा हु |
उस समय में बचपन से ही मेधावी छात्रा गिरिजा व्यास कों पंडित गौरीशंकर शुक्ला का पूर्ण सानिध्य मिला और गांधीवादी सिद्धांतों की शिक्षा मिली। यहाँ यह भी बताना आवश्यक है की पंडित गौरी शंकर शुक्ल उस समय उस क्षेत्र के प्रसिद्ध अध्यापक थे। और मोहन लाल सुखाड़िया जैसे दिग्गजो के गुरु थे।
यहां एक दिलचस्प बात बताना चाहूंगा कि सुश्री डॉक्टर व्यास शुरू से ही मेधावी छात्रा थी और अपनी माता जी की विद्यालय में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त कर रही थी उनकी माता जी श्रीमती जमुना देवी व्यास भी उस समय सरकारी अध्यापिका थी। तो नन्ही गिरिजा को जमुना देवी के स्कूल में होने के कारण कम नंबर मिलते थे।

पढ़ाई पूरी करके उदयपुर सुखड़िया विश्वविद्यालय में ही दर्शनशास्त्र व्याख्याता के रूप में सेवाएं दी।कालांतर में स्वर्गीय इंदिरा गांधी की मृत्यु के पश्चात स्वर्गीय राजीव गांधी के जोर देने पर डॉक्टर गिरिजा व्यास ने राजनीति में प्रवेश किया।
लीजिए संक्षेप में देखते डॉ. गिरिजा व्यास का जीवन परिचय |
दिवंगत आदरणीय डॉ गिरिजा व्यास का जन्म नाथद्वारा के एक साधारण परिवार में स्वंत्रतता सेनानी श्री कृष्ण शर्मा और श्रीमती यमुना देवी जी के घर में दिनांक 8 जुलाई 1946 को हुआ उनकी स्कूली शिक्षा नाथद्वारा में ही हुई और स्नातक और स्नातकोत्तर शिक्षा मोहन लाल सुखाडिया विश्व विद्यालय से हुई जहाँ उन्होंने MA दर्शन शास्त्र में किया |
तत्पश्चात उन्होंने 1973 पीएचडी दिल्ली विश्विधालय से पूर्ण करी उनके शोध का विषय था |
Comparative Study of Ethical Teachings in Gita and Bible (1973)
अपनी पीएचडी के पश्चात उन्होंने सुखाडिया विश्विधालय में बतौर प्रोफेसर अपनी सेवाएँ प्रदान करी बाद में वे विभागाध्यक्ष रही तत्पश्चात उन्होंने न्युयोर्क अमरीका के डेल्वर विश्व विद्यालय अमरीका में भी अपनी सेवाए प्रदान की |
उनकी लिखी पुस्तक आज भी न्युयोर्क विश्व विद्यालय के पाठ्यक्रम का हिस्सा है और पढाई जाती है |
उन्होंने अपने जीवन काल में कुल 8 पुस्तकें लिखी जिनमें से तीन उर्दू , हिंदी और अंग्रेजी में कविताओं का संग्रह था उनमें से भी उनकी प्रसिद्द कृति एहसास के पर ( उर्दू ) , सीप समुद्र और मोती ( हिंदी उर्दू ) और Nostalgia ( अंग्रेजी ) में थी |
क्योंकि पिताजी स्वंत्रतता सेनानी थे तो मनोमस्तिष्क पर राजनीती का गहरा असर था ही साथ ही तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने उन्हें सन 1975 में आपातकाल के दौरान उनकी राजनितिक प्रतिभा को पहचानते हुए उन्हें आमंत्रण दिया राजनीती में आने का लेकिन उन्होंने बड़ी मुखरता से यह कहते हुए मना कर दिया कि राजनीती मेरा काम नहीं पढाना मेरा काम है | लेकिन किस्मत अक्सर उन लोगो को वहां ले ज़रूर जाती है जहाँ के लिए वो बने होते है |
तो भले ही 75 में नहीं लेकिन 1985 में तत्कालीन स्व. प्रधानमंत्री श्री राजीव गाँधी के प्रयासों से उनका कर्म क्षेत्र राजनीती हो ही गया |
1985-1990 में वे उदयपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रही जहाँ वे पर्यटन मंत्री , बाल विकास विभाग , और शिक्षा मंत्री , वित्त और विज्ञान और प्रोद्योगिकी मंत्री रही |
1991 से 1993 वे पी वी नरसिम्हाराव के कार्यकाल में सुचना एवं प्रसारण उपमंत्री रही |
1993 से 1996 वे आल इंडिया महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रही |
1996 से 1998 ग्यहरवीं लोकसभा के लिए पुनः उदयपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुनी गई जहाँ वे राजभाषा कमिटी की सदस्य , महिला सुदृढीकरण कमिटी की सदस्य , पेट्रोलियम कमिटी की सदस्य रही |
1998 से 1999 बाहरवीं लोकसभा के लिए पुनः चुनी गई |
1999 से 2004 तेहरवी लोकसभा के लिए भी पुनः चुनी गई |
2001 से 2004 तक आपके पास राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमिटी का कार्यभार रहा |
2005 से 2011 में आप राष्ट्रिय महिला आयोग की चेयरपर्सन रही |
2008 से 2009 तक आप विधायक पद पर रही |
2009 से 2014 तक आप चित्तोडगढ लोकसभा से सांसद रही और चीफ व्हिप के पद पर रहीं |
2013 -2014 मिनिस्टर रही हाउसिंग एंड अर्बन पावर्टी एलिवेशन |
तो इतनी व्यस्तताओं के बीच भी डॉ व्यास अपने परिवार शहर , अपने चुनाव क्षेत्र और अपने गृह क्षेत्र के लिए नियमित समय निकल कर आमजनों की समस्याओं को न सिर्फ सुनती थी बल्कि उनको उचित निवारण के लिए भी निर्देश प्रदान करती थी।
आपके तीन बड़ी बहनें कमला जी ,चंद्रकला जी, एवं लीला जी थी जो अब दिवंगत हो चुकी है एक भाई गोपाल कृष्ण जी शर्मा जो राजनीति में सक्रिय होकर उदयपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं | वर्तमान में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री हैं | एवं भाभी श्रीमती पुष्पा शर्मा है तीन भतीजे और वधु डॉक्टर विवेक-अलका, विनय – अंकिता एवं विपुल – हितांशी शर्मा इसके साथ ही इनके बच्चे,भांजा,भांजी से भरा पूरा परिवार छोड़ गई है। सभी परिजनों ने एवं डॉक्टर ने भरपूर प्रयास किया परंतु विधि के विधान के आगे हम सभी नतमस्तक हैं दिनांक 1 मई 2025 को वह हम सभी को छोड़कर अनंत की यात्रा पर निकल गई।

नावा कुचामन क्षेत्र से रिश्ता :-
स्वर्गीय डॉक्टर सुश्री गिरिजा व्यास की बुआ श्रीमती कंचन देवी का नांवा में प्रसिद्ध मास्टर स्वर्गीय श्रवण कुमार जोशी से हुआ था।दूसरी भुआ श्रीमती एजन देवी जिनका विवाह भी नावा निवासी श्री लाल जी से हुआ था मतलब डॉ. व्यास की दो बुआओ का विवाह नावा में हुआ था | वही कुचामन में स्वर्गीय मदन जी भट्ट की माताजी और डॉक्टर गिरिजा व्यास की माता जी दोनों सगी बहनें थी। वहीं प्रसिद्ध संगीतज्ञ मास्टर स्व गोकुल चंद्र आचार्य परिवार एवं हरीश आचार्य की कुचामन के प्रसिद्ध चित्रकार हैं उनसे भी नजदीकी रिश्ता था डॉक्टर गिरिजा व्यास का। तो यहां यह कहा जा सकता है की इस क्षेत्र से डॉ गिरिजा व्यास का नजदीकी जुड़ाव रहा है। और कई बार वे नावा कुचामन में आती भी थी।बहरहाल आज कुचामन में भी नगर वह ब्लॉक कांग्रेस कमेटी द्वारा स्वर्गीय राज की स्थिति में एक शोकसभा का आयोजन किया गया।

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री श्री गिरिजा व्यास को कांग्रेसियों द्वारा श्रद्धांजलि।
नगर कांग्रेस कमेटी एवं ब्लॉक कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि सभा में स्वर्गीय सू श्री गिरिजा व्यास को कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए ब्लॉक अध्यक्ष भंवर अली खान ने सुश्री व्यास को एक महान विदुषी, निर्भीक एवं निडर महिला बताया। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय व्यास के निधन से कांग्रेस पार्टी को अपुरणिय क्षति हुई है। जिसकी कमी को पूरा नहीं किया जा सकता। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा रही सुश्री व्यास ने महिला विकास के लिए निरंतर प्रयासरत रही। तथा महिलाओं के उत्थान के लिए उन्होंने सदा संघर्ष किया।

नगर परिषद उपसभापति ने स्वर्गीय व्यास के एक महान विदुषी महिला बताया तथा कहा कि चार बार संसद में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। केंद्र सरकार में मंत्री, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्षा एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्षा रहते हुए उन्होंने कई जनकल्याणकारी कार्य किये जिसकी बदौलत उन्हें चार बार सांसद बनने का मौका मिला। प्रदेश महिला महासचिव मृदुला कोठारी ने भी स्वर्गीय व्यास को एक निर्भीक एवं निडर एवं स्पष्ट वादी महिला बताया तथा उनके प्रदेश अध्यक्षा कार्यकाल को कांग्रेस पार्टी का स्वर्णिम कार्यकाल बताया। तथा महिलाओं के उत्थान के लिए निरंतर संघर्ष करने वाली महिला बताया। पारिवारिक सदस्य राम अवतार भट्ट ने बताया कि कुचामन क्षेत्र के लिए तो यह काफी शोक का समय है क्योंकि स्वर्गीय व्यास की प्रारंभिक शिक्षा भी कुछ समय के लिए कुचामन में प्राप्त की।

राजनीतिक शास्त्र में एम फिल की उपाधि तथा अनेकों शोध कार्य में भी पीएचडी की उपाधि भी उन्होंने अपने परिश्रम से प्राप्त की। कुचामन क्षेत्र में पुस्तकालय विस्तृत भवन का उद्घाटन भी इनके कर कमलों द्वारा किया गया था। कुचामन से उनका विशेष लगाव सदा ही रहा समय-समय पर इनका कुचामन भी आगमन होता रहा। निधन के समाचार से कुचामन वासियो को भी काफी गहरा आघात लगा। श्रद्धांजलि कार्यक्रम के पश्चात पहलगाम में हुए आतंकी हमले में दिवंगत हुए देश के नागरिकों को भी 2 मिनट का मौन धारण करके सभी उपस्थित कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की तथा इस कायरता पूर्ण हरकत की तीव्र भर्त्सना की। तथा सरकार से अनुरोध किया कि इस हमले का मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए तथा आतंकवादियों को प्रश्रय एवं शरण देने वालों को भी सजा देनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी सदा से ही इन आतंकवादी कार्यों के लिए मुंह तोड़ जवाब देने के लिए सदा सरकार के साथ है।

कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष शेर खान, ब्लॉक अध्यक्ष कुचामन भंवर अली खान, ब्लॉक अध्यक्ष नावां उदय सिंह खारिया नगर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुतेद्र सारस्वत, प्रदेश महिला कांग्रेस महासचिव मृदुला कोठारी, नगर परिषद उपसभापति हेमराज चावला आई एन सी आर के प्रदेश अध्यक्ष परसराम बुगालिया, कमलकांत डोडवाडिया, मुन्ना राम महला फौजी, नगर परिषद पार्षद बुंदूअली भाटी, जिला सेवादल महिला अध्यक्षू पूजा सोनी, वरिष्ठ कांग्रेसी दुर्गाराम चौधरी, पूसाराम राठी, गजेंद्र कांसोटिया, मोहम्मद नासिर, श्रीराम पिपलोदा, मोहनलाल सांखला, सचिन सांखला, सहित उपस्थित कार्यकर्ताओं ने स्वर्गीय व्यास को नम आंखों से अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। तथा 2 मिनट का मौन धारण किया और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।