‘शास्त्रीय संगीत ’ ये शब्द भारत में केवल संगीत तक सीमित नहीं हैं. किसी बड़े विद्वान ने कहा है कि शास्त्रीय संगीत भारत के रग-रग में बसा है. भारत राग और ताल का देश है. यहां संगीत से लेकर जिंदगी की लय में भी राग और ताल खोजा जा सकता है. संगीत के राग इतने दमदार हैं कि इससे किसी बीमार को इनकी झंकार से बिस्तर छुड़वाया जा सकता है.डिप्रेशन और घबराहट को छूमंतर कर सकते हैं 5 गाने, 50 साल से जीत से रहे लोगों का दिल, 1 बार सुनेंगे और बार-बार ललचाएगा मन
शास्त्रीय संगीत में ‘अहीर भैरव’ राग काफी अहमियत रखता है. राग भैरवी इकलौता ऐसा राग है जिस पर बने गाने आपको डिप्रेशन और घबराहट से बाहर निकाल सकते हैं. अहीर भैरव राग का जन्म गाय की घंटियों से स्वर से हुआ है. इस राग के गानों को सुबह सुनने पर पूरा दिन मन ऊर्जा और उत्साह से भरा रहता है. आइये जानते हैं पूरी कहानी.कई जगहों पर संगीत का ट्रीटमेंट भी होता है. राग की झंकार का मन में गहरा असर होता है और झटके में मूड बदल जाता है. एक राग है जिसका नाम है ‘अहीर भैरव’ (Ahir Bhairav). इस राग से बने गाने आपको डिप्रेशन और घबराहट से चुटकी में बाहर निकाल सकते हैं. अगर आप भी रात के अकेले में डिप्रेशन और एंग्जाइटी का शिकार हैं तो बॉलीवुड फिल्मों में फिल्माए गए ये गाने आपका मूड ठीक कर सकते हैं.
अलबेला सजन आयो रे’ ( Albela Sajan Aayo Re): सलमान खान और ऐश्वर्या राय स्टारर सुपरहिट फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ (Hum Dil De Chuke Sanam) में एक गाना था. इस गाने के बोल थे ‘अलबेला सजन घर आया’. इस गाने ने रातों-रात पूरे देश में लोगों के दिल में जगह बना ली थी. ये गाना राग अहीर भैरव का सबसे बेहतरीन गाना है. इस गाने की झंकार कान में पड़ते ही मन नाचने लगता है. गाने को शंकर महादेवन और कविता कृष्णमूर्ति ने गाया था.
2-‘पूछो ना कैसे मैंने’ (Poochho Na Kaise Maine): साल 1963 में रिलीज हुई फिल्म ‘मेरी सूरत तेरी आंखें’ (Meri Surat Teri Ankhen) फिल्म भले ही आज 60 साल बाद गुमनाम हो गई हो. लेकिन इस फिल्म में राग अहीर भैरव पर बना गाना ‘पूछो ना कैसे मैंने’ लोगों के दिलों में जिंदा है. इस गाने को 60 साल बाद भी लोग भूल नहीं पाये हैं. इस गाने को मन्नाडे ने कंपोज किया था. फिल्म से ज्यादा इस गाने को लोगों ने पसंद किया था.
3-‘का करूं सजनी’ (Ka Karoon Sajni): साल 1977 में रिलीज हुई फिल्म स्वामी में शबाना आजमी (Shabana Azmi), गिरीश कर्नाड (Girish Karnad) और उत्पल दत्त (Utpal Dutt) ने लीड रोल निभाया था. डायरेक्टर बासु चटर्जी (Basu chatterjee) की इस फिल्म का गाना ‘का करूं सजनी’ एक ट्रेंड सेटर गाना बन गया था. गाने के प्यारे बोल और मनभावन झंकार दिल पर झपट्टा मारती है. इस गाने को जब सुनेंगे तो डिप्रेशन और घबराहट से कोसों दूर चले जाएंगे. इस गाने की दीवानगी 45 साल बाद भी कम नहीं हुई है.
4-‘अब तेरे बिन जी लेंगे हम’ (Ab Tere Bin Jee Lenge Hum): आशिकी (Aashiqui) फि
ल्म साल 1990 में रिलीज हुई और पूरी संगीत की दुनिया बदल गई. इस फिल्म के रिलीज के बाद संगीत की दुनिया फिर पहले जैसी नहीं रही. इस फिल्म के गानों ने पूरे देश में धूम मचा दी. गानों की दम पर फिल्म सुपरहिट रही और दूसरी बार भी जब इसका रीमेक बना तो बॉक्स ऑफिस पर तूफान खड़ा हो गया. इस फिल्म के गाने ‘अब तेरे बिन जी लेंगे हम’ ने लोगों के दिलों में खास जगह बनाई. राग अहीर भैरव पर बने इस गाने को आज भी सुनकर उदास मन प्यार की हिलोरों में डूब जाता है.
5-‘सोलह बरस की’ (Solah Baras Ki): साल 1981 में रिलीज हुई फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ (Ek Dujhe Ke Liye) का एक गाना लोगों की जुबान पर कई साल चढ़ा रहा. इस गाने के बोल थे, ‘सोलह बरस की बाली उम्र को सलाम’. इस गाने ने पूरे देश में धूम मचा दी. राग अहीर भैरव पर बना ये गाना करीब 4 दशकों से संगीत की दुनिया का किंग है. इस गाने को सुनकर भी आपका मन हल्का हो जाएगा. राग अहीर भैरव की झंकार डिप्रेशन और उदासी को ठेंगा दिखा सकती है.