
कुचामन सिटी :- रमेश रुलानिया हत्याकांड के चारों आरोपियों क्रमशः गणपत,महेश,धर्मेंद्र और जुबेर की रिमांड अवधि पूरी होने पर आज इन्हें न्यायालय में वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश कामाक्षी मीणा की अदालत में पेश किया गया। जहां से इन्हें 48 घंटे यानी 2 दिन की पुलिस रिमांड पर पुनः भेज दिया गया। थानाधिकारी श्री सतपाल सिहाग की देखरेख में चारों आरोपियों को प्रात लगभग 11:00 बजे बख्तर बंद गाड़ी में न्यायालय में लाया गया। यहां पुलिस की निगरानी में इन्हें वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश कामाक्षी मीणा की अदालत में पेश किया गया। जिन्हें 2 दिन की रिमांड पर थाना अधिकारी को सौंप दिया गया।

गौरतलब है कि कल यानी मंगलवार को कुचामन सिटी पुलिस द्वारा चारों मुख्य आरोपियों द्वारा मौका तस्दीक करवाई गई थी। थाना अधिकारी सतपाल सिहाग के नेतृत्व में पुलिस टीम आरोपियों को लेकर उसी जिम में पहुंची जहां 7 अक्टूबर को अल सुबह कारोबारी रमेश रुलानिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मौका तस्दीक के दौरान पुलिस ने आरोपियों की वारदात की पूरी रिक्रिएशन कार्रवाई अर्थात वही सब करवाया जो उन्होंने हत्या के दौरान किया था। मतलब किस व्यक्ति द्वारा कहां खड़े होकर गोली चलाई गई कौन सा व्यक्ति बाहर निगरानी कर रहा था और घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी किस रास्ते से भागे थे आदि।

यहां यह भी गौरतलब है कि पूछताछ में आरोपियों ने यह खुलासा किया था की हत्या से पहले गणपत गुर्जर के खेत में आरोपियों ने हथियार चलाने की ट्रेनिंग ली थी। और आरोपियों को वीरेंद्र चारण द्वारा वीडियो कॉलिंग पर फायरिंग की ट्रेनिंग दी गई थी। बहरहाल सभी आरोपियों को वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश कामाक्षी मीणा की अदालत में पेश किया गया और उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड पर उन्हें सौंप दिया गया।

यहां यह भी गौरतलब है कि शूटर्स को उनके हैंडलर द्वारा बिल्कुल लावारिस छोड़ दिया गया था। यानी हत्या करने के बाद उनसे सम्पर्क पूरी तरह से खत्म कर लिया था। मतलब उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया गया था। मतलब मरो या पकड़े जाओ। इस बात से अपराध की तरफ रुख करने वाले युवाओं को सीख लेनी चाहिए और यही बात एसपी रिचा तोमर द्वारा भी अपने संदेश में कही गई थी।
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