महाराजा सूरजमल का बलिदान दिवस शौर्य दिवस के रूप में मनाया गया
कुचामन सिटी :- महाराजा सूरजमल संस्था के तत्वाधान में कुचामन शहर में स्थित महाराजा सूरजमल सर्किल पर सोमवार को सिरमौर भारत भूमि के अजय ह्रदय सम्राट महाराजा सूरजमल की प्रतिमा के समक्ष दीपप्रजल करके माल्यार्पण व पुष्प अर्पित करके सर्वसमाज के सैकड़ो गणमान्य नागरिकों ने महाराजा सूरजमल के बलिदान को याद किया इस मौके पर जिला प्रमुख भागीरथ चौधरी, उपसभापति हेमराज चावला, निमोद सरपंच प्रतिनिधि भूराराम कूदणा, जाट महासभा के दानाराम राठी, जाट महासभा के पूसाराम थोरी, एलबीएस संस्था के डायरेक्टर रामदेव खिचड़ और महाराजा सूरजमल संस्था के कार्यकर्ता परसाराम बुगालिया, मुन्नाराम महला , झूमरमल बिजारणिया, बिरमाराम बांगड़वा, कमलकांत डोडवाड़िया, ने महाराजा सूरजमल के जीवन पर प्रकाश डाला और उनके आदर्श को जीवन में अपनाने की शपथ ली और कहा कि महाराजा सूरजमल ना की केवल जाट समाज के महानायक थे बल्कि सभी वर्ग के हितेषी और आदर्श थे उन्होंने गरीब कमजोर और जुल्म के खिलाफ लड़ाइयां लड़ते लड़ते बलिदानी प्राप्त की उन्होंने 80 युद्ध लड़े लेकिन वह कभी पराजित नहीं हुई उनकी बहादुरी की मिशाल इतिहास की किताबों में दर्ज है ऐसा गौरवपूर्ण इतिहास दुनिया में शायद ही किसी और राजा का रहा होगा वह एक योद्धा के साथ-साथ दूरदर्शी और वैज्ञानिक भी थे उनके गौरवपूर्ण कारनामों के बारे में इतिहास के पन्नों में दर्ज है इतिहास में उसे एशिया का प्लेटो भी कहा जाता है महाराजा सूरजमल ने लोहागढ़ किले का निर्माण इस तरह करवाया कि आज तक भी उस किले को कोई भेद नहीं पाया अंग्रेजों और मुगलों ने वहां पर 13 बार आक्रमण किया लेकिन लोहागढ़ किले की दीवारों ने अंग्रेजों कि तोप के गोलो और हथियारों को निरस्त कर दिया महाराजा सूरजमल के बलिदान दिवस के इस पुष्पांजलि कार्यक्रम में विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता व क्षेत्र के सभी वर्गों के लोग मौजूद रहेमहाराजा सूरजमल का बलिदान दिवस शौर्य दिवस के रूप में मनाया गया