दोस्तों कल हमने जो भ्रष्टाचार बनाम शिष्टाचार कार्यक्रम शुरू किया था आज पेश है उसी की दूसरी कड़ी।दोस्तों कल हमने बात की थी सड़क निर्माण और पंचायत समिति में भ्रष्टाचार की, दोस्तों आज बात करते हैं निजी शिक्षण संस्थानों में होने वाले लूट की किस तरह निजी शिक्षण संस्थान संचालक बार-बार अवैध वसूली कर अभिभावकों को लूटते हैं,और यदि कोई इनके खिलाफ आवाज उठाता है तो किस हद तक यह लोग गिर जाते हैं दोस्तों कार्यक्रम शुरू करने से पहले देखिए यह वीडियो।
दोस्तों पिछले माह के अंतिम सप्ताह की बात है मेरे एक मित्र ने कहा कि उनकी भतीजी आदर्श कॉलेज की विद्यार्थी है। और कॉलेज प्रशासन बार-बार उनसे पैसे मांगता है, यदि बच्ची और हम अभिभावक पूछताछ करते हैं तो हमसे बड़ा ही अभद्र व्यवहार किया जाता है।यह कहकर मुझे उन्होंने कॉलेज में चल कर बात करने का आग्रह किया।
तो दोस्तों बच्ची के पिता, मेरे मित्र यानी बच्ची के चाचा, समाज सेवक पंच परसा राम बुगालिया और में हम लोग आदर्श कॉलेज पहुंचे। दोस्तों आप वीडियो में देख सकते हैं हम लोगों ने विनम्र शब्दों में अपनी बात रखी। लेकिन बच्ची के पिता ने जब इस अवैध वसूली के लिए संचालक महोदय से बात शुरू की तो वही अभद्र व्यवहार शुरू हो गया। दोस्तों इस पर मैंने जब रिकॉर्डिंग शुरू की तो मुझे स्पष्ट रूप से कहा गया कि या तो आप रिकॉर्डिंग बंद करें या यहां से बाहर निकले, दोस्तों आप यह सब वार्तालाप वीडियो में स्पष्ट रूप से सुन सकते हैं देखिए वीडियो।
दोस्तों काफी समझाइश के बाद भी संचालक द्वय ने अंत में यही कहा कि” आप जो कार्रवाई करना चाहते करें हमें कोई फर्क नहीं पड़ता आप हमारा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते” यह सभी बात आप वीडियो में स्पष्ट रूप सुन सकते हैं।दोस्तों अब देखते हैं वह वीडियो जिसमें बच्चिया और उनके अभिभावक इस अवैध वसूली के बारे में क्या कह रहे हैं।
बात यही नहीं रुकती दोस्तों खुद पंच परसा राम बुगालिया ने बताया की छ दिन बाद एक मीटिंग में समाज सेवक पंच परसा राम बुगालिया और प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष और कुछ सदस्य जब आमने सामने हुए तो अध्यक्ष द्वारा पंच परसा राम बुगालिया को मारपीट की धमकी भी दी गई |देखिये विडियो …..
तो दोस्तों यह हाल है निजी शिक्षण संस्थाओं का अब आप ही बताइए इस सूरत में बेचारा अभिभावक क्या करें यदि इस अवैध वसूली के खिलाफ आवाज उठाएं तो बच्चे का भविष्य खराब होने की धमकी और यदि नहीं उठाए है तो आर्थिक भार के नीचे दबा रहे। वैसे दोस्तों जब बच्ची से पूछा गया कि उसकी क्लास में कितने विद्यार्थी है तो उसने बताया 200 अब दोस्तों ₹1000 के हिसाब से 200 बच्चों के हुए ₹200000 यह भी एक बार नहीं कई बार अब आप ही अंदाजा लगाइए। फैसला आपके ऊपर।
वैसे दोस्तों जब शहर के अन्य अभिभावकों से भी बातचीत की तो उनका भी यही कहना था कि इस लूट के खिलाफ आवाज उठनी ही चाहिए।साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यदि क्विक न्यूज़ इस बात को उठना है तो कुचामन के कई अभिभावकों को राहत मिलेगी।