काव्य समाज और रसिकों की आत्मा है। कविता रसिक श्रोताओं के हर मर्ज की दवा है। इन कथनों को चरितार्थ करते हुए श्री कुचामन पुस्तकालय में राष्ट्रभाषा हिंदी सम्मान सप्ताह समारोह में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें शहर के कई कवियों ने स्वरचित कविताओं की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को गुदगुदाया।
पुस्तकालय के अध्यक्ष नटवर लाल वक्ता ने हिंदी भाषा एवं उसमें लिखी गई रचनाओं के महत्व को बताते हुए सभी विद्यार्थियों को इसमें रुचि लेने का आग्रह किया। कैलाश चंद शर्मा ने ज्वलंत विषय “आरक्षण का मनमाना बंटवारा एवं उससे उपजते समाज में असंतोष’ विषय पर कविता की प्रस्तुति दी। डॉ दिलीप कुमार पारीक ने एक ग़ज़ल गुनगुनायी।
तुलसी राम राजस्थानी, दिलीप सिंह शेखावत, अस्मिता पारीक, ओम प्रकाश, रंगनाथ काबरा, दीप्ति जोशी, सुरेश वर्मा, सत्यनारायण लाटा, वाइस प्रिंसिपल लक्ष्मण शर्मा, ललित शर्मा, सत्य प्रकाश शर्मा, सगीर अहमद, शाहबान जोया, हरिराम शर्मा, ओम बटाऊ, संदीप कुमार, आदि गणेश आदि कवियों ने प्रस्तुति देकर मन मोह लिया। काव्य गोष्ठी का सफल संचालन सत्य प्रकाश शर्मा ने किया।
शहर की स्कूलों से आए हुए विद्यार्थियों ने कविताओं की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर कुचामन पुस्तकालय के उपाध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र पारीक, गुलाबचंद शर्मा, कालीचरण व्यास, शिवकुमार अग्रवाल, सुनील माथुर, चंपालाल कुमावत,प्रकाश चंद टेलर, गिरिराज खरींट, सुरेश कुमार, पुरुषोत्तम शर्मा, भेरूलाल उपाध्याय, दुर्गा लाल शर्मा, गुलाबचंद शर्मा, बजरंग लाल दाधीच, चंद्र प्रकाश उपाध्याय, किशन लाल, रामस्वरूप जोशी, उमा सारस्वत, शिव प्रसाद पारीक, रामगोपाल शर्मा, सुरेश पारीक आदि श्रोता उपस्थित रहे।