दोस्तों आपकी स्क्रीन पर आपको एक माफी नामा दिखाई दे रहा है, दोस्तों यह वह माफी नामा है जिसे लिखा गया है बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद द्वारा भारतीय सुप्रीम कोर्ट को।
दोस्तों यह वही बाबा रामदेव है जिन्होंने 2014 से पहले पेट्रोल ₹30 लीटर होने का वादा किया था और डीजल ₹20 लीटर होने का वादा किया था सिलेंडर ₹300 में देने का वादा किया था। जिनका मोदीजी की सरकार लाने में अहम किरदार रहा है, यह वही बाबा रामदेव है जो आयुर्वेद इंडस्ट्री पर पिछले 10 सालों पर एक छत्र राज कर रहे है, दोस्तों यह वह बाबा रामदेव है जिन पर पूरे भारत में जहां-जहां भी बीजेपी का शासन है सरकार का पूरा हाथ है साथ ही केंद्र सरकार का भी पूरा हाथ है।
दोस्तों यह वही बाबा रामदेव है जो अपने अनशन के दौरान पकड़े जाने के डर से लड़कियो के कपड़े पहन कर पिछली गली से भागे थे।
दोस्तों वैसे एक समय था जब मैं बाबा रामदेव का पूरा समर्थके था,कारण था एक अकेला व्यक्ति भारतीय विद्या योग को घर-घर पहुंचने में पूरे समर्पण के साथ लगा था,लेकिन 2014 में शासन पलटने के बाद बाबा रामदेव योग गुरु कम व्यापारी ज्यादा हो गए।
दोस्तों 2 अप्रैल को बाबा रामदेव की पेशी थी सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह खान की बेंच के सामने मामला था अपनी दवाइयों के भ्रामक विज्ञापन देकर जनता को गुमराह करने का।
दोस्तों कोरोना काल में बाबा जी ने एक दवा लॉन्च की नाम था कोरोनिल दावा किया गया कोरोना को जड़ से खत्म करने का लेकिन अफसोस यह दावा फिसड्डी निकाला और दोस्तों बाबा जी को वह दावा वापस लेना पड़ा था।
अब दोस्तों एक बार फिर बाबा जी पर ही आते हैं दोस्तों बाबा जी का घमंड पिछले 10 साल में आसमान पर था,आपको याद होगा दोस्तों कोरोना कल में जब हमारे डॉक्टर अपनी जान पर खेल कर मौत से जुझते हुए मरीजों का इलाज कर रहे थे, और इस मेहनत में उनमें से कई डॉक्टरों की जान भी गवानी पड़ी थी, उस समय बाबा जी अपने घमंड मे हमारे डाक्टरो के लिए क्या कर रहे थे, टर्र टर्र टर्र टर्र सुनिए एक बार बाबा जी की टर्र टर्र ।
बात यही नहीं रुकती दोस्तों जब कोई पत्रकार बाबा जी से कोई प्रश्न पूछता था तो बाबा जी उसे जवाब देने के बजाय सीधे कहते थे “क्या मेरी पूछ पाड़ेगा। “सुनिए दोस्तों वीडियो आपकी स्क्रीन पर।
यहा तक की बाबाजी सीधे सीधे यह भी कहते हे की अरेस्ट तो उनका बाप भी नही कर सकता |
बहरहाल दोस्तों माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 2 अप्रैल को माफ़ी मांगने के बाद के बाद 10 अप्रैल की तारीख दी,इस दरमियान बाबा जी भारतीय विपक्ष को सनातन पर अपना ज्ञान पेलते रहे अब बात 10 अप्रैल की दोस्तों जो माफी नाम पेश किया पतंजलि के वकील मुकुल रोहतगी के द्वारा वह एक बार फिर आपकी स्क्रीन पर इस माफी नामें को मैं आपको पढ़कर सुनाता हूं।
दोस्तों वहीं सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई भी मैं आपको सुनाता हूं जो की लाइव सुप्रीम कोर्ट से है।
दोस्तों 10 तारीख की जबरदस्त फटकार के बाद बाबा रामदेव को आज की तारीख दी गई आज इस समय इस बीच बाबा रामदेव ने सभी अखबारों में माफी नामा पेश किया।
लेकिन दोस्तों सुप्रीम कोर्ट ने फिर से एक बार फटकार लगाते हुए कहा कि जितने बड़े आप विज्ञापन दुनिया को अखबार में दिखाते हैं,इतनी बड़ी क्या यह माफी है आपकी, दोस्तों सुप्रीम कोर्ट ने बाबा राम को रामदेव को फटकार हुए सीधा-सीधा कहा कि “आप तैयार रहें”इस शब्द पर गौर कीजिए दोस्तों आप तैयार रहे ।
वैसे दोस्तों जब भी कोई बात बीजेपी समर्थक पर आ जाती है तो ₹2 रूपल्ली ट्रोल एक साथ उसके पक्ष में खड़े हो जाते हैं।दोस्तों यह मामला भी जब हुआ तो एक बार बात उठाई गई कि, बाबा रामदेव को कोर्ट के जजों ने हल्के शब्दों का प्रयोग करते हुए डाटा यहां तक की यह कहा कि कोर्ट ने बाबा रामदेव को यह कहा कि आपकी बखिया उधेड़ देंगे।
लेकिन दोस्तों यह बात का अभी तक अभी तक प्रमाणित नहीं हो पाई है।दोस्तों इस बात को लेकर बीजेपी भक्त समाज के बीच में आकर जोर देकर कहने कहने लगे थे, कि यह लड़ाई भारतीय आयुर्वेद वर्सेस एलोपैथी की है.
लेकिन दोस्तों हमेशा नही लगता कि ऐसी कोई लड़ाई आपस में हो रही है,क्योंकि यदि ऐसा होता तो जब पतंजलि के व्यवस्थापक आचार्य बालकृष्ण बीमार हुए थे तो उन्हें एलोपैथी की शरण में नही जाना पड़ता ।
तो दोस्तों कल सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव से कहा कि अखबार में छपा माफीनामा ऐसा नहीं चाहिए कि उसे माइक्रोस्कोप से देखना पड़े. कोर्ट ने बाबा से पूछा था कि क्या उनका छपवाया माफीनामा उतना बड़ा है, जितना बड़ा उनका विज्ञापन होता था. बाबा रामदेव ने जवाब दिया, इस पर दसियों लाख रुपए खर्च हुए हे |
और ये 67 अखबारों में छपा है. जस्टिस हिमा कोहली ने कहा, क्या इतने ही दसियों लाख रुपए तब खर्च होते हैं, जब आप पूरे पन्ने का विज्ञापन देते हैं, हम हैरान हैं. इसके बाद उन्होंने अगली सुनवाई पर न्यूजपेपर में छपे माफीनामे की कटिंग लेकर आने को कहा है.
जस्टिस कोहली ने ये भी कहा, ‘माफीनामे की बड़ी फोटोकॉपी लाने से हम प्रभावित नहीं होंगे. हम देखना चाहते हैं कि माफीनामा कितना बड़ा छपा है. जब आप माफीनामा छपवाते हैं, तो इसका मतलब ये नहीं होना चाहिए कि हमें उसे माइक्रोस्कोप से देखना पड़े.’
एक बड़ी अच्छी चीज ये हुई कि कोर्ट एफएमसीजी कंपनियों के भ्रामक दावों को बड़े स्तर पर देखना चाहता है और इसके लिए उसने उपभोक्ता मंत्रालय और सूचना प्रसारण मंत्रालय को भी पार्टी बनाया है. जस्टिस कोहली ने कहा कि हम जनता को धोखा दिया जाना नहीं देख सकते.
उन्होंने बेबी फूड का जिक्र किया. अभी कुछ ही दिन पहले रिपोर्ट आई थी कि नेस्ले के भारत में बेचे जाने वाले सेरेलेक में बहुत चीनी है, जबकि जर्मनी और यूके के सेरेलेक में जरा भी चीनी नहीं है.
उन्होंने बेबी फूड का जिक्र किया. अभी कुछ ही दिन पहले रिपोर्ट आई थी कि नेस्ले के भारत में बेचे जाने वाले सेरेलेक में बहुत चीनी है, जबकि जर्मनी और यूके के सेरेलेक में जरा भी चीनी नहीं है.|
साथ ही एक अन्य सुनवाई में कोर्ट ने फेसला दिया हे की अब से बाबा रामदेव द्वारा लगवाए जाने वाले योग शिविरों पर उन्हें सर्विस टेक्स देना होगा |याद रहे अभी तक बाबा रामदेव द्वारा लगवाए जाने वाले योग शिविरों पर किसी भी प्रकार का टेक्स नही दिया जाता था |