बुधवार 14 मई को क्विक न्यूज़ ने सबसे पहले कुचामन चिकित्सालय की महिला एवं बाल चिकित्सा इकाई के स्थानांतरण के समाचार क्विक न्यूज़ ने प्रमुखता से प्रकाशित किए थे। बहरहाल श्री करणी सेना और कुचामन केमिस्ट एसोसिशन द्वारा छेड़ी गई यह मुहिम अब धीरे-धीरे परवान चढ़ने लगी है। जहां शुरुआत में इस पर आवाज उठाने वालों का लोग हंसते थे वही आज लोग इसके साथ खड़े नजर आने लगे हैं। आज केमिस्ट एसोसिएशन द्वारा शाम को राजकीय चिकित्सालय से पुराने बस स्टैंड तक रैली निकालने का निर्णय लिया गया था |लेकिन किसी कर्ण वश स्थगित कर दिया गया ।

वहीं सोमवार को कुचामन के प्रमुख राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनो द्वारा भी विरोध प्रदर्शन की रुपरेखा बनाई जा रही है। इसी बीच कुछ प्रमुख सामाजिक संगठनों जिनमे मुख्यतः पूर्व शिवसेना प्रमुख एवं आरटीआई एक्टिविस्ट चतुर्भुज शर्मा,भगत सिंह यूथ ब्रिग्रेड के प्रदेश अध्यक्ष पंच परसा राम बुगालिया और मानवाधिकार सुरक्षा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष श्री मुन्नालाल कछवाल ने भी प्रशासन के इस कदम की कड़ी निंदा की है तथा इसे निरस्त नहीं किए जाने पर आंदोलन किए जाने की चेतावनी भी दी है।

बहरहाल सारा मामला समझने के लिए हमें एक बार फिर से थोड़ा पीछे जाना होगा। 1 अप्रैल को मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा निदेशक श्री राम बालाजी डेवलपर्स एवं इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर एक पत्र लिखा जाता है। पत्र आपकी स्क्रीन पर देखिए इस पत्र में चिकित्सालय के निर्माण हेतु जमीन दान करवाने की अपील की जाती है। जबकि एक जमीन शाकंभरी रोड पर चिकित्सालय के लिए पूर्व में भी चिन्हित की जा चुकी है। तथा उसकी नींव भी रखी जा चुकी है। और नींव रखने के बाद वहां काम रोक भी दिया गया है।

जबकि जानकारों का मानना है कि पूरे चिकित्सालय के निर्माण के लिए शाकंभरी रोड वाली जमीन पूर्ण रूप से पर्याप्त है। बहरहाल जब चिकित्सालय प्रशासन द्वारा श्री राम बालाजी डेवलपर्स एंड इंफ्रास्टेट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड से अपील की जाती है तो उक्त कंपनी कुचामन वेली के अंतिम छोर पर जो की डूब क्षेत्र में आती है वहां पर 18:50 बीघा जमीन अस्पताल को दान में दे देता है। पिछले समाचारों में हमने वीडियो डाला था। एक बार फिर से वीडियो देखिए।

गौर तलब बात यह है कि जहां यह जमीन दी गई है उसके आसपास काफी दूर तक श्री राम बालाजी डेवलपर्स की जमीन नहीं बिक पाई है। अब जब अस्पताल वहां जाना है तो निश्चित ही कंपनी को अपनी बाकी जमीन में बेचने में सुविधा होगी और जमीनों के भाव में भी उछाल आएगा बहरहाल ऊंट किस करवट बैठता है देखना यही है।
वहीं दूसरी और निदेशालय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं राजस्थान जयपुर द्वारा कुचामन सिटी के चार चिकित्सकों को जयपुर स्थित कार्यालय में उपस्थित होने का नोटिस दिया गया है। दरअसल जिला चिकित्सालय में कार्यरत होने के बावजूद निजी चिकित्सालय संचालित करने के संबंध में यह नोटिस दिया गया है। दिनांक 6 में से 10 मई तक राज्य में भीषण गर्मी के प्रकोप से बचाव हेतु बचाव के उपाय किए जाने एवं जिला प्रभारी के रूप में डॉ रामबाबू जायसवाल राज्य नोडल अधिकारी एमएस आई एम एन आर वाई (दवा ) द्वारा कुचामन के जिला अस्पताल का निरीक्षण किया गया था।

उस समय नागरिकों द्वारा चिकित्सकों के निजी चिकित्सालय संचालित करने और राजकीय चिकित्सालय के में अनुपस्थित रहने की शिकायत की गई थी। इसी संदर्भ में कुचामन के चार चिकित्सकों को नोटिस दिया गया है। चार चिकित्सक मुख्यतः

1. डॉक्टर चेनाराम चौधरी शिव अस्पताल
2. डॉक्टर जगदीश महला मारवाड़ अस्पताल
3. डॉक्टर राजेंद्र खीचड़ खीचड़ अस्पताल
4.डॉक्टर शिवपाल मुंड निजी क्लीनिक
उपरोक्त चारों चिकित्सकों को 19 या 20 मई को जयपुर स्थित कार्यालय में उपस्थित होने के आदेश दिए गए हैं।