Wednesday , 26 March 2025

दिल्ली लाइब्रेरी दुखान्तिका :क्या हम सुरक्षित हे |

                    नमस्कार दोस्तों आज का एपिसोड कुछ विशेष लंबा होने वाला है इसलिए इसको दो भागो में कर रहे हैं। आधा भाग आज और आधा कल।

           तो दोस्तों देश की राजधानी दिल्ली में एक हृदय विदारक  घटना “राव आईएएस अकैडमी” की बेसमेंट में बरसात का पानी भरने से मारे गए तीन विद्यार्थी।

            दोस्तों पूरा देश इस दुर्घटना को सुनकर स्तब्ध रह गया, लेकिन अफसोस इस बात का है कि इस दुर्घटना पर हमारे नालायक राज नेता राजनीति करने से बाज़ नहीं आ रहे हैं। दोस्तों दिल्ली में चार घटक है।

  1. अपने आपको दिल्ली का बॉस कहने वाले LG यानी उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना,

2.दिल्ली की राज्य सरकार यानी आम आदमी पार्टी की सरकार।

3.दिल्ली के सात भारतीय जनता पार्टी के सांसद।

 4.दिल्ली एमसीडी की आम आदमी पार्टी की सरकार।

          अफसोस दोस्तों इन चारों में से कोई भी इस दुर्घटना की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है उल्टा सभी एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं यानी दूसरे को इसके लिए दोषी ठहरा रहे हैं।

           वैसे दोस्तों गोरतलब है कि वर्तमान सरकार ने जिम्मेदारी लेने का सिस्टम बिल्कुल खत्म कर दिया है।अब देखिए ना पिछले 15 दिनों में आठ रेलवे दुर्घटना हो गई है लेकिन इन पर कोई एक शब्द भी नहीं बोल रहा है।

     रेल मंत्री रील बनाने में व्यस्त है।

     गृहमंत्री नेता विपक्ष से उलझे हुएहै

     प्रधानमंत्री विदेश के दौरे प्लान करने में व्यस्त हैं। 

        बरहाल हम दिल्ली से बाहर निकाल कर हमारे शहर की और रुख करते हैं।

      दोस्तों जैसा हाल दिल्ली का है कमोबेश वैसा ही हाल हमारे देश के अन्य शहरो का भी है।हर शहर में प्रशासन की नाक के नीचे इस तरह की लापरवाही बरती जा रही है।दोस्तों हमारे शहर कुचामन में भी काफी मात्रा में लाइब्रेरिज,कोचिंग,यहां तक की छोटे बच्चों के स्कूल की क्लासेस भी अंडरग्राउंड में संचालित हो रही है।लेकिन ना तो शिक्षा विभाग और ना ही परिषद प्रशासन इस पर ध्यान देता है।

       आज क्विक न्यूज़ अपनी पड़ताल पर निकला और आप वीडियो में देख सकते हैं दोस्तों कितनी लाइब्रेरीज और अन्य क्लासेस अंडरग्राउंड में चल रही है।चलिए छोड़िए यह तो शिक्षा के क्षेत्र की बात हुई।हमारे यहां तो रेस्टोरेंट भी अंडरग्राउंड में चल रहे हैं और वह भी उसे क्षेत्र में जहां बरसात आने पर तेज बहाव का पानी बहकर निकलता है। और फिर बरसात के अलावा अन्य सुरक्षा मांनको की भी इस संचालको द्वारा पालना नहीं की जा रही है।

       अफसोस इस बात का है दोस्तों की आज तक किसी भी जिम्मेदार का ध्यान इस और नहीं गया।अब दोस्तों कुचामन में हुए कुछ हादसों का जिक्र करेंगे लेकिन उससे पहले हम पेश करते हैं नगर परिषद सभापति आसिफ खान से हुई बातचीत के कुछ अंश जिसमें हमने इस समस्या से संबंधित बातचीत की।

 

          दोस्तों पिछले कुछ दिनों से कुचामन में वर्षा से हुए कुछ हादसे,

       दोस्तों पिछले वर्ष कुचामन में संचालित एक योगा क्लास (जो की बेसमेंट में संचालित था )पानी भर गया था।सभी समाचार पत्रों ने इसे मुख्य रूप से छापा था। और यह एलएनटी की लापरवाही की वजह से हुआ था।

        पिछले वर्ष कुचामन के किले की दीवार का एक हिस्सा ढह गया था,जिसमें काफी घरों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा था।एक हरिजन महिला को काफी गंभीर चोटें लगी थी।और कई मुस्लिम परिवारों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा था जिसका कोई मुआवजा नहीं दिया गया था।

        इस वर्ष बरसात के शुरुआती दौर में ही स्थानीय गणेश डूंगरी की दीवार का एक हिस्सा ढह गया गनीमत रही कि किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ।

         इसी वर्ष एक तूफान आया था जिसमें काफी बिजली के खंभे टीन शेड सोलर पैनल आदि उड़ गए थे।

         दोस्तों कहने का मतलब यह है कि हमारे शहर में आपदा प्रबंधन जैसा धरातल पर कुछ दिखाई नहीं देता है। यदि कोई दुर्घटना हो जाती है तो इसके जिम्मेदारी किसकी नगर परिषद की या मंत्री जी (विधायक जी )की या सरकारी प्रशासन की आखिर किसी की तो जिम्मेदारी तय की जाएगी।

            धन्यवाद दोस्तों

    

About Manoj Bhardwaj

Manoj Bhardwaj
मनोज भारद्धाज एक स्वतंत्र पत्रकार है ,जो समाचार, राजनीति, और विचार-शील लेखन के क्षेत्र में काम कर रहे है । इनका उद्देश्य समाज को जागरूक करना है और उन्हें उत्कृष्टता, सत्य, और न्याय के साथ जोड़ना है। इनकी विशेषज्ञता समाचार और राजनीति के क्षेत्र में है |

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