
कुचामन सिटी। पवित्र सावन माह शुरू होते ही शिवभक्तों का अलग-अलग स्थानों से कावड़ लाकर भगवान शिव को जल चढ़ाने का सिलसिला चल रहा है। इसी क्रम में कुचामन के कावड़ियों ने भी सुल्तानगंज (बिहार) से पवित्र गंगा का जल पूजा अर्चना के पश्चात कावड़ में भरा और बाबा बैद्यनाथ धाम ज्योतिर्लिंग (झारखंड) के लिए कावड़ यात्रा शुरू की। नीलकंठ कावड़ संघ ग्रुप 2 गोहाटी के तत्वाधान में इस कावड़ यात्रा का आयोजन हुआ। इस संघ में करीब 150 कावड़िए शामिल हुए जिसमें 138 मारवाड़ी कावड़िए (आसाम) के थे वही 12 कावड़िए कुचामन के थे।

संघ के महावीर प्रसाद मून्दड़ा ने बताया कि 130 किमी पैदल चलकर संघ के कावड़ियों ने पांच दिन पैदल चलकर बाबा बैद्यनाथ धाम पहुंचे ओर छठे दिन पूजा अर्चना के पश्चात बाबा बैद्यनाथ को कावड़ (जल) चढ़ाया। इसी तरह जल का एक लौटा बाबा बासुकिनाथ को समर्पित किया गया। संघ के सदस्य महावीर प्रसाद मून्दड़ा हर वर्ष यहां कावड़ समर्पित करते है। मूंदड़ा ने वर्ष 2025 में बाबा बैद्यनाथ धाम के 17 वीं बार कावड़ चढ़ाई है। ज्ञात रहे कि सुल्तानगंज से बाबा बैद्यनाथ धाम तक चलने वाली ये कावड़ यात्रा वर्ल्ड की सबसे बड़ी कावड़ यात्रा है जिसमें प्रतिदिन दो लाख कावड़ शिव भक्त बाबा बैद्यनाथ को समर्पित करते है वही सावन सोमवार के दिन बाबा बैद्यनाथ को चार लाख कावड़ चढ़ती है।

वही बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में एक है जिससे यहां कावड़ चढ़ाने की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है। इस कावड़ यात्रा में महेश लाहोटी, अभिमन्यु जोशी, हेमंत सैन, शेलेश बागड़ा, नेमाराम कड़वा भांवता, राजकुमार सोढ़ाणी, शंकर लाल जोशी, पवन मालपानी, बेगाराम मूंड, कैलाश अग्रवाल, कमल कुमार शर्मा शामिल रहे। कुचामन के कावड़ियों का रेलवे स्टेशन पहुंचने पर मनोज जोशी, संदीप जोशी, आयुष मूंदड़ा सहित अनेक लोगों ने माला पहनाकर स्वागत किया।
Quick News News as quick as it happens