दोस्तों सबसे पहले नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाए | नववर्ष पर साहित्यकारों की कलम क्या की अख्ति हे जानना चाह क्विक न्यूज़ ने तो जा पहुचा प्रसिद्ध कवि घनश्याम सिंह कीनिया जी क पास तो पेश हे घनश्याम जी की नववर्ष पर आधारित एक रचना |
“न भारतीयो नववत्सरोSयं
तथापि सर्वस्य शिवप्रद: स्यात् ।
यतो धरित्री निखिलैव माता
तत: कुटुम्बायितमेव विश्वम् ।।”🌷💐🌷
यद्यपि यह नव वर्ष भारतीय नहीं है। तथापि सबके लिए कल्याणप्रद हो ; क्योंकि सम्पूर्ण धरा माता ही है।
”माता भूमि: पुत्रोSहं पृथिव्या:”
केलेंडर वर्ष 2024 में मेरे द्वारा जाने अनजाने में पहुँचे कष्ट के लिये क्षमा के साथ ही हम विदा करें दुख,अहंकार और अवसाद को…
आनेवाला कैलेंडर वर्ष 2025 हम सबके लिए मंगलमय, शुभ, चहुँमुखी उन्नतिदायक एवं स्वास्थ्यवर्धक रहे।।
ईश्वर की कृपा सदैव हम सब पर बनी रहे। 🌹 🙏 🌹
नये साल की बात……
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पेड़ों पर आये नहीं, नये पुष्प नव पात।
ऐसे में कैसे करें, नये साल की बात।।
पौष मास सर्दी पड़ै, थर-थर कंपै गात।
ऐसे में कैसे करें, नये साल की बात।।
दिखे नहीं कुछ धुंध में, ऊपर से बरसात।
ऐसे में कैसे करें, नये साल की बात।।
दिन सब को छोटा लगे,लंबी लगती रात।
ऐसे में कैसे करें, नये साल की बात ।।
नहीं हमें भी है पता, इस जाड़े की जात।
ऐसे में कैसे करें, नये साल की बात।।
ऊनी स्वेटर शाल भी,दिखा रहे औकात।
ऐसे में कैसे करें, नये साल की बात ।।
चैत्र मास की प्रतिपदा जेसी नहीं प्रभात ।
ऐसे में कैसे करें, नये साल की बात।।
घनश्याम सिंह किनियां कृत
सीकर राजस्थान
अब देखते हे दोस्तों हमारे कुचामन के प्रसिद्ध साहित्य कार शशिकांत मिस्र क्या कहते हे ,
आओ आज बुधवार एक जनवरी 2025 को
नववर्ष की शुभ बेला पर श्री गणेश करें हर उस चीज का,
जो ना रहने दे किसी के भी दिल में हमारे लिए अंशमात्र भी खीझ का।
नववर्ष की ये अमृतबेला शमन करे हर उस धधकती आग को
जो नाश करती आई है लोगों के दिल में हमारे हर प्रयास के बीज का।
हमारे प्रयत्नों में इतनी तो सच्चाई हो कि दुश्मन भी कायल हो जाए
हमारी इस बेमिसाल तजवीज़ का।
पर मन में यह संकल्प भी हो,
आगे से ध्यान रहेगा हर चीज़ का।🙏🙏🙏🙏🙏🙏
नववर्ष मंगलमय हो।
शशिकांत शर्मा
कुचामन सिटी
कवि सत्य प्रकाश” सच “क्या कहते हे नववर्ष पर आइये जानते हे प्रसिद्ध साहित्यकार “सच “की बात ,
आगत का करे स्वागत
आया आया नया साल ।
नुतन संकल्प धर उर
कुछ नया करे कमाल ॥
बीत गया सो बीत गया
बीते बिसरे छोड़ मलाल ।
नव अवसर आया द्वार
कुछ नया करे धमाल ॥
भर जोश उत्साह उमंग
निज कर्म की ठोक ताल ।
सुन नव वर्ष नव पुकार
कुछ बदलाव करे चाल ॥
चलते चलते पथ उन्नत
अपने आप सब संभाल ।
निज क्षमता तू पहचान
कुछ नया हो इस साल ॥
कर्म लेखनी है अद्भूत
नव लेखन कर तत्काल ।
सत्य सच है कर्म साधना
तब आयेगा स्वर्णिम काल ।
✍️ सत्यप्रकाश शर्मा सच
कुचामन सिटी