आज की मुख्य खबर पर आए उससे पहले एक छोटी खबर और एक संदेश। कुचामन में अचानक व्यापारी मोहल्ले के आगे दीप पूरा रोड पर सीसी रोड पर बनी दरारों में तेज गर्म भाप निकलने लगी। लगा जैसे आग हो और इस तेज गर्म भाप से एक बच्ची शिफा मंसूरी के पैर झुलस गए। खबर आग की तरह शहर मे फैली। किसी ने इसे चमत्कार बताया तो किसी ने और कुछ। क्विक न्यूज़ ने ज़ब जमीनी पड़ताल की तो असलियत सामने आई।

दोस्तों साल भर पहले कुचामन एसडीएम ऑफिस के थोड़ा आगे सड़क पर सीमेंट की परत लगभग 1 फीट ऊपर उठ गई थी। उस समय भी वह घटना कौतूहल का विषय बन गई थी। दरअसल दोस्तों ज्यादा गर्मी पड़ने के बाद जब अचानक से बरसात होती है तो ऐसा होना मुमकिन हो जाता है। कई बार हम देखते हैं कि सी सी रोड के बीच में दरारे छोड़ी जाती है उन और उन में डामर भर दिया जाता है। जब गर्मी पड़ती है तो उन दरारों की डाबर में से बुद्बुदे से उठने लगते हैं। वह गैस होती है जो गर्मी के कारण सीमेंट की परत के नीचे बनती है। जहां सीमेंट की परत कमजोर होती है वहां से निकलने लगती है। बहरहाल यह कोई बड़ी बात घटना नहीं है हां बच्चे शिफा को तकलीफ ज़रूर हुई।
दूसरी बात दोस्तों हमने एक दिन पहले शराब और जिस्म को लेकर एक कार्यक्रम किया था। उसके लिए दर्शकों का आभार क्योंकि आप लोगों ने इसे बहुत पसंद किया साथ ही एक निवेदन भी कि उस कार्यक्रम के बाद हमारे पास धमकियों और प्रलोभनो के फोन आए थे। तो यहां यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि आपकी धमकियों से हम पर कोई असर होने वाला नहीं है। रही बात प्रलोभनों की तो ईश्वर का दिया सब कुछ है हमारे पास। आपके द्वारा दिया गया लालच हमारे किसी काम का नहीं है।

अब आते हैं दोस्तों आज के मुख्य विषय पर दोस्तों पूर्व उप मुख्य सचेतक एवं नांवा के पूर्व विधायक श्री महेंद्र चौधरी के प्रयासों से कुचामन में नया बस स्टैंड बना। बस स्टैंड भी कुछ ऐसा की राजस्थान में जिसे दूसरे या तीसरे नंबर पर खड़ा किया जा सके। आप वीडियो में देख सकते हैं। अब तक नया बस स्टैंड बन गया है तो यातायात दबाव कम करने के लिए पुराने बस स्टैंड से बसों का संचालन बंद कर दिया गया। और चमत्कारिक रूप से यातायात का दबाव कम हो गया। लेकिन फिर राजनीति के दबाव के चलते पुराने बस स्टैंड से यातायात चालू करना पड़ा और करोड़ों की लागत से बना नया बस स्टैंड लगभग बेकार हो गया।

कुछ इसी तर्ज पर पिछले दिनों अस्पताल से संबंधित फैसला भी किया गया। शाकंभरी मंदिर रोड के पास नया चिकित्सालय बनवाने का बहुत अच्छा निर्णय था। इसमें कोई शक नहीं की शहर का विकास इससे काफी बढ़ेगा। इस चिकित्सालय के लिए 32 करोड रुपए भी राजस्थान सरकार द्वारा जारी करवा दिए गए। लेकिन लगभग ढाई माह बाद भी इस चिकित्सालय का निर्माण रुका हुआ पड़ा है। और इसी बीच एक और तुगलकी फरमान जारी हुआ।

शहर से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है श्री बालाजी डेवलपर्स द्वारा निर्मित कॉलोनी “कुचामन वैली” बहुत ही बड़ा प्रोजेक्ट है।आप वीडियो में देखिए कुचामन वैली में घुसने के बाद भी लगभग 2 से 3 किलोमीटर अंदर कुचामन वैली के अंतिम छोर पर चिकित्सालय के लिए साढे अठारह बीघा जमीन चिकित्सालय के नाम पर डेवलपर द्वारा डोनेट की गई है।इस संबंध में कुचामन के जागरूक युवक देवी सिंह चौहान, राजकुमार गौड़ आदि ने अपनी आवाज बुलंद की है।
प्राप्त सूत्रों के अनुसार चिकित्सालय की सबसे संवेदनशील इकाई महिला एवं बाल चिकित्सा इकाई को वहाँ स्थानांतरित किया जाना है। अब ऐसी संवेदनशील इकाई इतनी दूर ले जाने का क्या औचित्य है समझ में नहीं आ रहा है। शहर में विरोध के स्वर धीरे-धीरे उठने लगे हैं गर्भवती महिला का शहर से 8 किलोमीटर दूर पहुंचना कितना मुश्किल है। जबकि शहर के मध्य में चिकित्सालय स्थित है। अब यदि मुख्य चिकित्सालय शाकंभरी रोड पर होगा और महिला एवं बाल चिकित्सालय इकाई उससे भी दूर होगी तो महिलाओं को कितनी तकलीफ का सामना करना पड़ेगा आप स्वयं सोच सकते हैं।

और सबसे बड़ी और गंभीर समस्या जहां इस प्रोजेक्ट का स्थान चिन्हित किया गया है वह क्षेत्र डूब क्षेत्र में आता है। यहाँ तक की उस स्थान पर बैंक भी फाइनेंस करने से डरती है। हम में से कई लोग लोगों ने उसे स्थान को बरसात के मौसम में पानी में डूबते हुए भी देखा है। ऐसे में बच्चों और गर्भवती महिलाओं का वहां होना कितना खतरनाक हो सकता है। यही नहीं दोस्तों वहां पर एक नदी का बहाव क्षेत्र भी है जिसका नाम शायद जोजरी नदी या और कोई और हो सकता है। लेकिन एक नदी बरसात के दिनों मे वहां से बहती है।

वहीं एक और समस्या गर्भवती महिलाओं कों हर माह टीकाकरण की आवश्यकता होती है और इन्हें लेकर जाती है आशा सहयोगिनी अब किसी अन्य ग्राम से आशा सहयोगिनी किसी महिला को लेकर आती है तो उसके लिए कितना मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा साथ ही उसके लिए आर्थिक रूप से कितना महंगा पड़ेगा। वही गर्भवती महिलाओं को रुटीन चेकअप के लिए हर 15 वे दिन आना पड़ता है। नवजात शिशुओं को हर मंगलवार और गुरुवार को टीके भी लगाए जाते हैं।

साथ ही यह सब फैसले लेने के लिए एक संस्था होती है MRS इसकी मीटिंग भी नहीं हुई। और यह अमानवीय फैसला ले लिया गया। और सबसे बड़ी बात यह है रजिस्ट्री पीएमओ के नाम हुई है जानकर जानते हैं यह कितना व्यावहारिक हैं। बहरहाल इसी विषय पर आगामी एपिसोड में चर्चा होगी। साथ ही परसों वाले विषय पर भी आगे चर्चा होगी। मैं जानता हूं कि दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन उसके लिए थोड़ा समय लगेगा। विश्वास रखिए आपके सामने सभी बातें पूरी तरह से खोल दी जाएगी। और साफ-साफ रूप से पोल खोल की जाएगी।
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