दोस्तों कुचामन जो की राजस्थान में शिक्षा नगरी के नाम से मशहूर है, यहां पर सेकड़ो कोचिंग कॉलेज, कॉलेज, स्कूल और डिफेंस एकेडमीज है। सही मायने में राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में यदि किसी शहर ने उन्नति की है तब वह कोटा के बाद कुचामन सिटी ही है।
लेकिन दोस्तों पिछले कुछ सालों में इस शिक्षा नगरी को किसी की नजर लग गई है, या यू कहा जाए कि नशा माफीया की नजर कुचामन सिटी पर पड़ गई है।आज 10 में से 6 युवा नशे की गिरफ्त में दिखाई देते हैं कुछ वाकिए बताना चाहूंगा।
- अजमेर निवासी एक ब्राह्मण युवक जो की जयपुर अपनी ताई से मिलने के लिए गया वहां जाकर उसने कुल्हाड़ी से अपनी ताई की गर्दन काटकर हत्या कर दी।
- पीर( थांवला) के एक युवक ने अपने माता-पिता और एक विकलांग बहन की हत्या कर दी।
- नांवा में एक युवक ने अपने पिता को मार दिया।
- इसी तरह मिठड़ि में भी एक युवक ने अपने पिता को मार दिया।
यह सारी अमानवीय घटनाएं हमारी आत्मा को झकझोर देने के लिए काफी है,और इन चारों घटनाओं में एक कॉमन बात है,कि चारों युवक नशे के आदि थे हत्याओं के पीछे जो भी कारण रहा हो लेकिन नशा भी एक मुख्य कारण था।
दोस्तों इसी संदर्भ में कुचामन सिटी के समाज सेवक मुन्नालाल काछवाल से मुलाकात की।अब क्योंकि मुन्नालाल काछवाल “भारतीय मानवाधिकार सुरक्षा संगठन “नामक एक समाज सेवी संस्था से भी जुड़े हुए हैं वे राजस्थान के उपाध्यक्ष हैं उनके पास से इस विषय में विस्तृत जानकारी मिली है।श्री काछवाल के अनुसार कई परिवार इस सामाजिक बुराई से तंग आ चुके हैं। उनके पुत्र घर से चोरी कर के अपनी इस नशे की आदत को पूरा करते हैं,दोस्तों मुन्ना लाल जी का वीडियो भी साथ में संलग्न है।
दोस्तों प्रशासन इस समस्या पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित किए हुए हैं,लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिल सका है।अभी कुछ समय पहले तक गांजा चिलम आदि का प्रचलन ज्यादा था।लेकिन कुछ पिछले कुछ समय से एक नए नशे का नाम इस सुनने में आ रहा है दोस्तों इस नए नशे का नाम है एम डी।
दोस्तों यह नशा कहां से आ रहा है किसको दिया जा रहा है कौन इसको सप्लाई कर रहा है। क्विक न्यूज़ ईसके पीछे पूरी तरह से पड़ा हुआ है।लेकिन अभी तक क्विक न्यूज़ को भी अभी तक क्विक न्यूज़ को भी कोई सुराग नहीं मिल पाया है। मतलब इस नशे के सप्लायर बहुत चालाकी से अपना काम करके निकाल लेते हैं।
दोस्तों कुचामन सिटी में फ्लेवर हुक्का, गांजा,सिगरेट आदि पीते हुए युवक अधिकांश स्थानों पर शाम होते ही दिखाई देने लगते हैं कई धार्मिक बगीचियों आदि में ऐसे दृश्य आम है,शाम होते ही यह सब दिखाई देने लगता है।
दोस्तों समाज सेवक मुन्नालाल काछवाल के अनुसार।एक महिला का एकलौता पुत्र जो इस लत का बुरी तरह से शिकार हो चुका था, इस पुत्र ने नशे की आपूर्ति करने के लिए अपनी मां का मोबाइल भेज दिया पुत्र को कुछ कहने पर वह आत्महत्या की धमकी देता है। ऐसे कई कैसेज कुचामन में है। दोस्तों ऐसे लोग अपनी इज्जत जाने के डर से ना तो थाने पहुंच पाते हैं ना किसी और को कह पाते हैं।
दोस्तों इसी संबंध में एक और समाज सेवक पंच परसराम बुगालिया से भी क्विक न्यूज़ से बातचीत की पंच परसाराम बुगालिया का कहना है, कि हम हमारी मातृभूमि कुचामन सिटी से बहुत प्यार करते हैं।और किसी भी हालत में इस बुराई को कुचामन से हटा कर रहेंगे चाहे इसके लिए हमें बड़ा आंदोलन ही क्यों न करना पड़े।
और दोस्तों क्विक न्यूज़ भी अपने दर्शकों से अपील करता है कि प्रशासन तो अपना काम बखूबी कर ही रहा है। हमें भी इस समस्या के समाधान के लिए जागरूक होना पड़ेगा वरना हमारी आने वाली पीढ़ी इस नशे की गिरफ्त में आकर बर्बाद हो जाएगी मतलब हमें इस बुराई के खिलाफ प्रशासन के साथ खड़ा होना ही पड़ेगा।