Saturday , 15 March 2025

अपने शहर के तोता मैना की कहानी पुराने नही नए

         दोस्तों क्विक न्यूज़ का एक बाज़ एक दिन यूं ही उड़ान भर रहा था, कि अचानक उसकी नजर एक तोता मैना के जोड़े पर पड़ गई पहली नजर में साधारण प्रेम कहानी समझ कर बाद में नजरअंदाज करने ही वाला था। कि अचानक उसकी नजर आसपास पेड़ों पर पेड़ों की पत्तियों में छुपे कौवो पर पड़ी, अब बाज़ को दाल में कुछ काला नजर आया।

             तो बाज़ ने दूर बैठकर उन पर नजर रखनी शुरू कर दी, दोस्तों बाज़ को तोता और मैना दोनों जाने पहचाने से नजर आने लगे,गौर से देखा तो तोता एक शहर के एक मशहूर व्यापारी का पुत्र था।अब तोते के पास पैसों की कोई कमी थी नहीं।चलिए छोड़िए दोस्तों बाज़ ने अपने सोर्स लगाकर पूरी कहानी पता की तो पता लगा कि काफी दिनों से मैना तोता को फोन कर रही थी।

              धीरे-धीरे प्रेम की पीगे बढ़ने लगी तो एक दिन तय हुआ कि अकेले में मिलाया जाए अब समस्या तोते के सामने यह आई थी कि ऐसी किस जगह पर जाया जाए जहां दुनिया की नजर हम पर ना पड़े, तो तोता इसी उधेड़ बुन में फंसा था, तब उसका एक कौवा दोस्त उससे पूछ बैठा की भाई इतनी चिंतित क्यों हो।

                तोता कौवे को खासम खास दोस्त समझता था,तो उसने कौवे को सारी बात बता दी कौवा दोस्ती निभाते हुए बोला कि मेरे एक साथी कौवे ने शहर के बाहर नया घोसला बनाया है तुम वहां जाकर मिल लो।तोता खुश हुआ आखिर रविवार का दिन तय हुआ तोता मैना खुशी-खुशी नए घोसले की तरफ उड़ लिए अब उन मासूमों को क्या मालूम था, कि उसे घोंसले के आसपास ढेरों कौवे उनका इंतजार कर रहे हैं तो ज़ब तोता मैंना जैसे ही गंतव्य तक पहुंचे घोसले में घुसे और प्यार की पीगे बढ़ने लगे तो कौवा का झुंड अचानक से प्रकट हुआ और लगा तोते पर हमला बोलने तोता चिल्लाया कई मिन्नते कई लेकिन कौवे तो कौवे थे वे क्यू मानने लगे अब आगे क्या।

              रुको जरा कहानी का क्लाइमेक्स अभी बाकी है। दोस्तों तोते ने मैना की तरफ देखा तो हक्का-बक्का रह गया मैंना दूर खड़ी मुस्कुरा रही थी, कौवो के बीच में आराम से बेठी बतिया रही थी। कौवो ने तोते को बंदी बना लिया और मैना सभी को वह से कहने लगी कि तोते ने उसके साथ जबरदस्ती की है,अब तो तोता बहुत घबरा गया रोने लगा।

            तब उनमें से एक स्याना कौवा निकला और कहां भाई इनसे समझौता कर ले, तो तोता राज़ी हो गया।अब समझौते की पहली शर्त रखी गई 20 लाख रुपए तोते के पैरो तले जमीन खिसक गई बोला इतना रुपया तो नहीं है मेरे पास, करीब दो-तीन घंटे बात चीत चलती रही आखिरकार 10 लाख रुपए पर आकर बात जम गई।

            फिर क्या था तोते को 2 लाख रुपए नगद और बाकी की रकम के चेक देने पड़ गए,  यह बात चुपचाप में ही निपटा दी जाती लेकिन बुरा हो क्विक न्यूज़ के बाज़ का जिसकी नजर इस घटनाक्रम पर पड़ गई,और उसने यह बात बता दी। वेसे दोस्तों तोते के बाप के पास तो पैसा था वह बड़ा व्यवसायी था शहर का, अगर कोई गरीब तोता इस मामले में फंस जाता तो इतना पैसा कहां से लाता,इसलिए क्विक न्यूज़ एक बार फिर गरीब तोतो से अपील करता है, कि इन कलयुग की मैनाओ के चक्कर में नहीं पड़े, वरना कौवे आजकल ताक में रहते हैं।

            वेसे दोस्तों यह मात्र एक कहानी है किसी से इसका कोई व्यक्तिगत रूप से संबंध नहीं है लेना-देना नहीं है यदि कहीं किसी से किसी प्रकार का संयोग घटनाक्रम मेल खाता है तो क्विक न्यूज़ माफी मांगता है।

About Manoj Bhardwaj

Manoj Bhardwaj
मनोज भारद्धाज एक स्वतंत्र पत्रकार है ,जो समाचार, राजनीति, और विचार-शील लेखन के क्षेत्र में काम कर रहे है । इनका उद्देश्य समाज को जागरूक करना है और उन्हें उत्कृष्टता, सत्य, और न्याय के साथ जोड़ना है। इनकी विशेषज्ञता समाचार और राजनीति के क्षेत्र में है |

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