शारदा वन्दन हे पद्मवासिनी माता , हे शुभ्रा सुख दाता l हे कवि भाग्य विधाता, वीणापाणि शारदे ll हे हंस वाहिनी माता, मधुरिम स्वरदाता l सारे जग विख्याता, मनोमल हर दे ll हरि हर नमनीया , तमोगुण हरणीया l जन जन भजनीया, नेह मन भर दे ll जय जगजननी , जन पातक हरणी माँ साहित्य जगत में अमरता वर दे …
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बिखरा बहुत टूटा बहुत हारा नही हु मैं :हिंदी काव्य गौष्ठी
काव्य समाज और रसिकों की आत्मा है। कविता रसिक श्रोताओं के हर मर्ज की दवा है। इन कथनों को चरितार्थ करते हुए श्री कुचामन पुस्तकालय में राष्ट्रभाषा हिंदी सम्मान सप्ताह समारोह में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें शहर के कई कवियों ने स्वरचित कविताओं की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को गुदगुदाया। पुस्तकालय के अध्यक्ष नटवर लाल वक्ता ने …
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