
दो दिन बाद दिवाली है आज धनतेरस हो चुकी है परसों दिवाली है। दिवाली की खरीदारी अपने चरम पर है। लेकिन दिवाली पर सबसे खतरनाक व्यापार होता है आतिशबाजी का। एक छोटी सी चिंगारी भी काफी बड़ा नुकसान करवा देती है। बगैर लाइसेंस पटाखे बैचना या भंडारण करना कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है। और इस पर कानूनी कार्रवाई की जाती है। साथ ही पटाखे के दुकानों की स्थिति की जानकारी भी सरकार को दी जानी होती है।

मसलन दुकान की भौगोलिक स्थिति, दो पटाखो की दुकानों के बीच की दूरी। आग लगने की स्थिति में अग्निशमन यंत्र की उपस्थिति और आग बुझाने के लिए पानी की समुचित व्यवस्था आदि। आज इस विषय पर क्विक न्यूज़ ने पूरी पड़ताल की।

उपखंड अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष कुल 54 लाइसेंस जारी किए गए हैं। और कुछ लगभग 10 के अंदर ही स्थाई लाइसेंस होंगे कुचामन सिटी में। तो दोस्तों से ज्यादा नहीं तो भी कम से कम सौ दुकान तो हमने अपने कमरे में रिकॉर्ड की है। मतलब यह तो आधी संख्या ही है। आसपास की गलियों में काफी दुकाने मौजूद है। लेकिन उन तक इतनी भीड़भाड़ में पहुंच पाना भी संभव नहीं है।

आप अपनी स्क्रीन पर देख सकते हैं की कितनी संख्या में पटाखे की दुकान खुल चुकी है और अभी कल भी खुलेंगी और यही स्थिति हर वर्ष की होती है। तो क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है बगैर लाइसेंस इतनी बड़ी संख्या में पटाखे की बिक्री होना क्या कानून का उल्लंघन नहीं है। बहरहाल क्विक न्यूज़ आशा करता है कि पटाखों की अवैध दुकानों पर नगर परिषद प्रशासन और पुलिस प्रशासन समुचित कार्रवाई करेंगा ताकि संभावित दुर्घटना को टाला जा सके।
क्विक न्यूज़ ने शहर के आम आदमी से भी बातचीत की तो नाम नहीं बताने की शर्त पर सभी ने इस गोरख धंधे का विरोध किया। ध्यान देने वाली बात यह हे की यह स्थिति अकेले कूचामन की नही हे कमोबेश पूरे भारत में यही स्थिति हे | और हर वर्ष कई जगह इन दुकानों में दुर्घटनाए भी होती हे |
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