4 अक्टूबर से 9 अक्टूबर 2024 तक जी०एच०एस० में पाँच दिवसीय कल्कि आत्मरक्षा कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। मास्टरक्लास का नेतृत्व प्रशिक्षित मार्शल आर्ट के सबसे कम उम्र के ग्रैंड मास्टर्स में से एक और “कल्कि आर्ट ऑफ सेल्फ डिफेंस” के संस्थापक ग्रैंड मास्टर गौरव सिंह चौहान ने किया। साथ ही संगठन की महासचिव अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और मनोवैज्ञानिक श्रीमती संयोगिता सिंह चौहान और उनके पेशेवरों की टीम ने भी इसका नेतृत्व किया।
“कल्कि प्रशिक्षण कार्यक्रम” में एक समग्र माड्यूल शामिल था, जहाँ छात्राओं को वास्तविकता आधारित आत्मरक्षा तकनीकों की एक श्रृंखला सिखाई गई थी। इसमें स्ट्राइक पंच, किक, ग्रिप, ग्रैब, चोक, चाकू कला, हथियार का प्रयोग और साइबर सुरक्षा शामिल थे। कार्यक्रम में साइकोमेट्रिक टेस्ट, विशेष ध्यान तकनीक मानसिक स्वास्थ्य जागरुकता और यात्रा व घर के लिए आवश्यक सुरक्षात्मक युक्तियाँ भी शामिल थीं। छात्राओं को यह सुनिश्चित करने के लिए व्यावहारिक अनुप्रयोग भी दिए गए थे कि वे पूर्ण आत्मविश्वास से इन तकनीकों का समय आने पर उपयोग कर सके।
‘कल्कि प्रशिक्षण’ के अंतिम दिन 6 यू०पी० गर्ल्स बटालियन एन०सी०सी० प्रयागराज के कमांडिंग अफसर कर्नल प्रवीण कुमार और एन०सी०सी० ग्रुप मुख्यालय प्रयागराज के प्रशिक्षण अधिकारी कर्नल (डॉ०) अरविंद झा की उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा में चार चाँद लग गया। दोनों ही अतिथियों ने कार्यक्रम की सराहना की और छात्राओं के लिए इसके महत्व पर
प्रकाश डाला।
विद्यालय की प्रधानाचार्या रेव्ह० डॉ० विनीता इसूबियस की दूरदर्शिता का ही परिणाम है कि आज की दुनिया में महिलाओं के लिए आत्मरक्षा के महत्व को पहचानते हुए उन्होंने इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रीमती एन० दयाल और श्रीमती एफ० आसिफ का भी अभूतपूर्व योगदान रहा है।
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